कश्मीर के फुटबॉलरों ने घर बात नहीं हुई तो भेजे संदेश रिकॉर्ड करके
आईलीग में खेलने वाले कश्मीर के पहले फुटबॉल क्लब की टीम फिलहाल कोलकाता में है। खिलाड़ी अनुच्छेद 370 हटने से एक दिन पहले ही डूरंड कप खेलने के लिए कोलकाता आए थे, पर अचानक हालात बदल गए। टीम में पांच खिलाड़ी श्रीनगर के हैं, जबकि एक का परिवार जम्मू में है।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद उपजे हालात में रियाल कश्मीर फुटबॉल क्लब से खेल रहे राज्य के फुटबॉलरों का संपर्क भी अपने परिवारों से कट गया। चार दिन से बात न हो पाने के बाद खिलाडि़यों ने अपने संदेश रिकॉर्ड करके परिजनों को भेजे हैं।
आईलीग में खेलने वाले कश्मीर के पहले फुटबॉल क्लब की टीम फिलहाल कोलकाता में है। खिलाड़ी अनुच्छेद 370 हटने से एक दिन पहले ही डूरंड कप खेलने के लिए कोलकाता आए थे, पर अचानक हालात बदल गए। टीम में पांच खिलाड़ी श्रीनगर के हैं, जबकि एक का परिवार जम्मू में है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक क्लब के मालिक शमीम मेहराज और संदीप चाटू ने खिलाडि़यों की परेशानी को दूर करने के लिए गुरुवार को अपने एक अधिकारी को कोलकाता से कश्मीर भेजने का फैसला किया। जो वहां जाकर उनका हाल-चाल पता करेगा और खिलाडि़यों के रिकॉर्ड किए हुए संदेश भी परिवार वालों तक पहुंचाएगा। वह परिजनों के संदेश लेकर 10 अगस्त को कल्याणी वापस पहुंचेगा। हालांकि इस सबका असर टीम ने प्रदर्शन पर नहीं आने दिया। कश्मीर ने बुधवार को डूरंड कप के अपने पहले मैच में आई लीग की चैंपियन चेन्नई को 1-0 से मात दी थी।
कश्मीर का पहला राष्ट्रीय फुटबॉल क्लब
रियाल कश्मीर आई लीग में भाग लेने वाला राज्य का पहला फुटबॉल क्लब बना। इस क्लब की जीत कश्मीरियों के लिए खुशी का जरिया बन गई। टीम के मैचों के दौरान स्थानीय दर्शक बड़ी तादाद में श्रीनगर के टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर (टीआरसी) मैदान में पहुंचते हैं। 15 हजार दर्शकों की क्षमता वाले इस मैदान पर घरेलू टीम के सभी मैच होते हैं।
हिन्दू और मुस्लिम एकता की बेहतरीन मिसाल
रियाल क्लब सांप्रदायिक एकता की बेहतरीन मिसाल है। क्लब के मालिक शमीम मेहराज और संदीप चाटू ने स्थानीय युवाओं को मौका देने के लिए क्लब का गठन किया। उन्होंने स्कॉटलैंड के नामी कोच डेविड रॉबर्टसन के मार्गदर्शन में बेहतरीन टीम तैयार की। बाद में सरकार से भी उन्हें मदद मिली। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पिछले दिनों टीम को दो करोड़ रुपये का चेक दिया था। शमीम कहते हैं कि टीम को लंबा सफर तय करना है। हम टीम को देश और बाहर शीर्ष पर देखना चाहते हैं।
यह भी जानें
– 2016 में स्नो लेपर्ड्स के नाम से मशहूर इस क्लब स्थापना में हुई थी
– आई-लीग में भाग लेने वाला कश्मीर का पहला क्लब बना
– 2016 में टीम ने डूरंड कप में भाग लिया था और अच्छी सफलता मिली
– 1960 के दशक के बाद से जम्मू-कश्मीर में फुटबॉल सबसे लोकप्रिय रहा है
शुरू से कमाल
– 2017-18 में आई-लीग के सेकेंड डिविजन का खिताब जीता
– 2018-19 में सीजन में फर्स्ट डिविजन में जगह बनाई
– 37 अंकों से साथ टीम आई-लीग के पिछले सत्र में तीसरे स्थान पर रही
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