कानपुर में जाली स्टांप और नकली नोटरी टिकट बेचने के मामले में एक और खुलासा हुआ है। जेल भेजे गए वेंडर कानपुर में कचहरी और प्रयागराज में सिविल कोर्ट के बाहर जाली स्टांप और टिकट बेचते थे। जांच अधिकारी ने शनिवार को दोनों स्थानों की तस्दीक कर ली है। इनके के परिजनों व पांच-छह करीबियों से पूछताछ भी की।
बर्रा इंस्पेक्टर हरमीत सिंह ने बताया कि मामले की जांच करने एक टीम प्रयागराज गई थी। पता चला कि स्टांप वेंडर रंजीत कुमार सिविल कोर्ट के बाहर दुकान लगाकर जाली स्टांप व नकली टिकट बेचता था। पते का सत्यापन करने के लिए पुलिस की टीम उसके प्रयागराज स्थित घर पर पहुंची।
परिजनों से पूछताछ भी की। इधर कर्नलगंज निवासी आरोपी मोहम्मद शीजान के बारे में पता चला कि वह कचहरी में जाली स्टांप व नकली टिकट बेचता था। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल नंबरों की सीडीआर निकलवाकर कई संदिग्ध नंबर चिह्नित किए हैं। इसमें से चार पांच नंबर कथित वकीलों के हैं। जानकारी के मुताबिक संपत्ति विवाद संबंधी मामले यही वकील लाते थे और आरोपियों से जाली स्टांप व नकली टिकट लेकर फर्जीवाड़ा करते थे। पुलिस की रडार पर ये सभी हैं।
खातों में कई बड़े ट्रांजेक्शन मिले
पुलिस को आरोपियों के छह खाते मिले हैं। इन खातों का विवरण खंगाला गया तो इसमें से कई बड़े ट्रांजेक्शन मिले हैं। अलग-अलग राज्यों से पैसे जमा करने के साथ भेजे गए। इन सभी के बारे में पुलिस विस्तार से जानकारी जुटा रही है।