26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा पर आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सौरभ भारद्वाज ने पुलिस वर्जन को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, “मैं पुलिस के वर्जन को नहीं मानूँगा। मैं सिर्फ इसलिए भरोसा नहीं कर लूँगा कि पुलिस कह रही है तो सही कह रही है। पुलिस का वर्जन सरकारी वर्जन होता है। जो सरकार कहेगी वो पुलिस करेगी।” आम आदमी पार्टी के गठन से ही इसके ऊपर आरोपों की भरमार चल रही है, लेकिन मुफ्त की रेवड़ियां के लालच में दिल्लीवासियों ने दिल्ली की सत्ता इस पार्टी के हाथ में थमा दी। जेएनयू में टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ, दिल्ली में हुई हिन्दू विरोधी दंगाइयों के साथ और अब गणतंत्र दिवस पर दंगाइयों के साथ खड़े होकर केजरीवाल पार्टी ने फिर सिद्ध कर दिया है कि इसे जनहित की बजाए हुड़दंगों के साथ खड़ी है।
हल चलाने वाला ये कौन सा किसान है जो तलवार चला रहा है?
कौन है ये जो ज़मीन की आड़ में देश के क़ानून को खा जाना चाहता है?
ये कौन सा किसान है जो मुँह में जय जवान रखता है और बग़ल में तलवार?
ज़मीन को थोड़ा सा खोदिए एजेंडा निकल आएगा pic.twitter.com/Gy0HiOnCz9— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) January 29, 2021
इतना ही नहीं, सौरभ भारद्वाज ने उस शख्स का भी समर्थन किया, जिसने अलीपुर SHO प्रदीप पालीवाल पर तलवार से हमला किया था। उनका कहना था कि उस शख्स ने आत्मरक्षा के लिए SHO पर हमला किया था। अलीपुर SHO पर तलवार से हमला किए जाने के बारे में सवाल पूछने पर उन्होंने कहा, “जहाँ तक मुझे पता चला है, किसानों के ऊपर हमले किए, पुलिस की मौजूदगी में हमले हुए।
AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली हिंसा पर पुलिस की रिपोर्ट मानने से किया इनकार, तलवार से हमले को बताया ‘आत्मरक्षा’
30 January, 2021 pic.twitter.com/bQSjPjeTtM
— आम आदमी The Common Man (@GihmDinesh) January 30, 2021
पुलिस ने घेर-घेर कर निहत्थे किसानों को पीटा। ऐसी बहुत वारदातें हैं और इन वारदातों में हो सकता है कि एक वारदात ऐसा भी हुआ हो कि किसी को 15 लोग घेर कर मार रहे हों तो उसने ‘आत्मरक्षा’ के लिए कुछ किया हो। पूरी की पूरी वीडियो देखी जानी चाहिए और उसके बाद ही फैसला करना चाहिए।”
राजदीप सरदेसाई की बेसिक पत्रकारीय समझ पर राष्ट्रपति के प्रेस सचिव ने लिखी चिट्ठी। इस चिट्ठी का सार ये है कि इस आदमी को पत्रकारिता की बेसिक समझ नही है इसीलिए पहले गलत फैक्ट्स चलाता है, फिर उसे डिलीट करता है और ये बार बार होता है।
चिट्ठी में सबूत समेत उदाहरण मौजूद है। पढ़िए। pic.twitter.com/YKoJxtkqVI— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) January 30, 2021
अलीपुर SHO पर हमला किए जाने के मामले में पुलिस ने शुक्रवार (जनवरी 29, 2021) को 44 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली के पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि शांतिपूर्ण रैली की शर्त थी, लेकिन किसानों ने तय रूट की अनदेखी की। उन्होंने कहा कि जो हिंसा हुई, वह नियम और कानूनों की अनदेखी करने के कारण हुई। उन्होंने प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए लेकिन उन्होंने संयम बरते रखा।
ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा में तीन सौ से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। ये पुलिसकर्मी लाल किला, आईटीओ और नांगलोई समेत बाकी जगह पर हुई हिंसा के दौरान घायल हुए। इनमें से कुछ घायल पुलिसकर्मियों ने घटना का आँखों देखा मंजर बयान किया।
हिंसा के दौरान गंभीर रूप से घायल हुए उत्तरी दिल्ली के वजीराबाद थाने के एसएचओ पीसी यादव ने आपबीती सुनाते हुए बताया, “हम लाल किले में तैनात थे जब कई लोग वहाँ घुस गए। हमने उन्हें लाल किले की दीवार से हटाने की कोशिश की, लेकिन वे आक्रामक हो गए। हम किसानों के खिलाफ बल प्रयोग नहीं करना चाहते थे, इसलिए हमने यथासंभव संयम बरता।”
वहीं डीसीपी नॉर्थ, दिल्ली के ऑपरेटर संदीप ने बताया, “कई हिंसक लोग अचानक लाल किला पहुँच गए। नशे में धुत किसान या वे जो भी थे, उन्होंने हम पर अचानक तलवार, लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से हमला कर दिया। स्थिति बिगड़ रही थी और हिंसक भीड़ को नियंत्रित करना हमारे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था।”