जालंधर। वित्त मंत्री द्वारा संसद में सोमवार को पेश किए गए बजट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि केंद्र की मोदी सरकार को छोटे व्यवसायों और आम जनता की लिए कोई चिंता नहीं है। सरकार को केवल कुछ कॉर्पोरेट घरानों के लाभ की चिंता है। आम आदमी पार्टी जलंधर के शहरी जिला अध्यक्ष राजविंदर कौर और ग्रामीण जिला अध्यक्ष प्रिंसिपल प्रेम कुमार ने बयान जारी कर कहा कि केंद्रीय बजट 2021 जनविरोधी है।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि स्थानीय उद्योगों को केंद्रीय बजट से कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक संकट से कुछ हद तक राहत की उम्मीद थी, लेकिन सरकार ने छोटे व्यवसायों परआंखे मूंद ली।
उन्होंने कहा कि इस बजट से स्थानीय चमड़ा उद्योग को नुकसान होगा। लेदर और स्पोट्स गुड्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को बजट में कोई राहत नहीं दी गई। यह बजट स्थानीय उद्योग पर बोझ डालेगा जो पहले से ही गंभीर संकट का सामना कर रहा है। फुटवियर उद्योग चमड़े के आयात पर 90 प्रतिशत निर्भर था। बजट में गीला नीले चमड़े पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया गया है, पहले गीला नीले चमड़े पर कोई आयात शुल्क नहीं था। चमड़े पर आयात शुल्क लगाने से लोकल लेदर इंडस्ट्री खत्म होने के कगार पर पहुंच जाएगी।
आप नेताओं ने कहा, लघु उद्योगों की इस तरह की उपेक्षा न केवल उद्योगों पर अधिक बोझ डालेगी बल्कि कर्मचारियों की नौकरी को भी खतरे में डालेगी। केंद्र सरकार को उद्योगों के लिए एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए ताकि उन्हें कोरोना के कारण होने वाले आर्थिक संकट से निजात मिले। उन्होंने कहा कि यह बजट केवल मोदी के साथी उद्दोगपतियों को लाभ पहुंचाने वाला है। यह बजट महंगाई के साथ-साथ आम आदमी की समस्याओं को भी बढ़ाने का काम करेगा। बजट में डीजल और पेट्रोल पर कृषि सेस लगाया गया है जो उद्योग को और प्रभावित करेगा। परिवहन और ट्रांसपोर्टेशन इससे महंगा होगा, जिससे महंगाई बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि किसान भारी मात्रा में खेती के लिए डीजल का उपभोग करते हैं और उनके विकास के लिए ही डीजल पर सेस लगाया गया है। युवाओं को रोजगार देने के लिए भी बजट में कुछ नहीं किया गया और पंजाब को तो बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज ही कर दिया गया। पंजाब के लिए कोई राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। बजट देखकर साफ पता चलता है कि मोदी सरकार पंजाब के साथ भेदभाव कर रही है।