नई दिल्ली उत्तरप्रदेश (Uttarpradesh) की योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) सरकार ने सोमवार को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा है। कोविड के दौरान पेश किए गए इस चुनौतीपूर्ण बजट में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है। बता दें इस साल के बजट का आकार 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ से ज्यादा था। जिसमें मुख्यमंत्री ने किसानों और युवाओं पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री जी ने इस बजट के माध्यम से धार्मिक नगरियों का भी पूरा ध्यान रखने की कोशिश की है।
धार्मिक नगरी के लिए अलग से प्रावधान किया
इस बजट को पेश करते समय वित्तमंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उनकी सरकार ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर और अयोध्या धाम तक पहुंचने वाले मार्ग के लिए 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। इसके अलावा अयोध्या में पर्यटन सेवाओं के विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए का भी अलग से प्रावधान किया गया है। इसके अलावा वाराणसी के पर्यटन विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए की अलग से व्यवस्था की गई है। वहीं इसके अलावा मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल की विकास योजनाओं के लिए भी अलग से 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है। चित्रकुट में पर्यटन विकास के लिए भी सरकार ने अलग से 20 करोड़ रुपए का भी प्रावधान किया है। वहीं इसके अतिरिक्त विन्ध्यांचल के लिए भी 30 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
अब एजेंडा और सवाल-जवाब भी होंगे पेपरलेस
आपको बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि पहली बार कागज रहित बजट की प्रस्तुति की गवाह बनने जा रही उत्तर प्रदेश विधानसभा में एजेंडा, सवाल-जवाब और अन्य दस्तावेज भी ‘पेपरलेस’ होंगे। इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने रविवार को बताया था, ‘देश की सभी विधानसभाओं मे ई-विधान लागू करने की योजना है। इसे उत्तर प्रदेश में भी क्रियान्वित किया जाएगा। इस पर जो भी खर्च आएगा वह हम वहन करेंगे। इस परियोजना के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय को नोडल संस्था बनाया गया है।
सदन में जय श्री राम के नारे लगे
उन्होंने कहा कि सरकार ने गन्ना किसानों को 1,23,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के रिकॉर्ड गन्ना मूल्य का भुगतान कराया गया है। सरकार ने किसानों के लिये 15,000 सोलर पंप की स्थापना का लक्ष्य तय किया है। खन्ना ने कहा कि अयोध्या में निर्माणाधीन हवाई अड्डे का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के नाम पर रखा जाएगा। इसके लिये 101 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री के इस कथन का सदन के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया और सदन में ‘जय श्री राम’ के नारे भी लगाये गये।