लंगूर की आवाज में इंसान बंदर भगा रहा है। यह अनूठा प्रयोग लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर शुरू किया गया है, जहां यात्रियों की सुरक्षा के लिए 6 महीने के प्रयोग के तौर पर चल रहा है।
स्टेशन पर बंदरों का आतंक रहता है। अक्सर ये यात्रियों पर हमला कर उसकी चीजे छीनकर भागते हैं। यात्रियों की सुरक्षा के लिए कलंदर अपने एक अन्य सहयोगी के साथ मिलकर एक साथ लंगूर की आवाज निकालते हैं और पलक झपकते ही बंदर वहां से भाग खड़े होगे हैं। इससे अब यात्रियों को बंदरों की छीनाझपटी का डर नहीं सताएगा।
उत्तर रेलवे प्रशासन ने बंदरों को भगाने के लिए दूसरी बार पहल शुरू की है। रेलवे प्रशासन ने अपने मंडल के स्टेशनों पर ट्रायल पर बंदरों को भगाने वाले दो लोगों को नियुक्त किया है, जो स्टेशन के हर प्लेटफॉर्म पर घूमकर बंदरों को भगाएंगे। ये खबर ट्रेन से सफर करने वाले लोगों को राहत देगी। इसका असर पहले दिन ही देखने में आया।
पहले लंगूर का प्रयोगा रहा असफल
दो साल पहले चारबाग रेलवे स्टेशन पर लंगूर बंदर के जरिए बंदर भगाने का प्रयोगा सफल नहीं हो सका। प्रतिबंधित पशुओं के साथ इस व्यवहार पर पशु प्रेमियों ने आपत्ति कर दी थी। इससे कुछ दिनों बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।