लखनऊ. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद रविवार से प्रदेश में 50 माइक्रॉन से पतलीc लग गया। लेकिन शनिवार देर रात तक जिलों के पास पॉलिथिन प्रतिबंध पर स्पष्ट गाइडलाइन नहीं पहुंची थी। ऐसे में विभागों और अधिकारियों के बीच असमंजस की स्थिति बनी रही कि बैन पर अमल किन निर्देशों के तहत हो।
आखिरकार अधिकारी दस जुलाई को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सीएम योगी से मिले निर्देशों को ही मौखिक गाइडलाइन मानकर बैन प्रभावी बनाने की तैयारी में जुट गए हैं। जिलों में अधिकारियों से बातचीत में सामने आया कि मौखिक आदेश के आधार पर ही जिलों में टीमें बना ली गई हैं। ये टीमें रविवार सुबह से छापेमारी और पॉलिथिन इस्तेमाल पर धरपकड़ शुरू करेंगी।
लोगों को जागरूक करने की कवायद
शहरों में जिला प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और शहरी निकाय मिलकर कार्रवाई करेंगे। शहरी निकायों ने जोन स्तर पर नोडल अधिकारी इसके लिए तैनात कर रखे हैं। जिलों में केंद्र सरकार द्वारा मार्च 2016 में जारी प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट ऐक्ट लागू किया जा रहा है। फिलहाल जिलों में तैयारी है कि नए सिरे से आदेश न आने तक केवल पॉलिथिन के जब्तीकरण और लोगों को जागरूक करने की कवायद की जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो जुलाई को पॉलिथिन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश शहरी निकाय निदेशालय के उद्घाटन कार्यक्रम में दिया था। नए सिरे से गाइडलाइन और आदेश आने चाहिए थे, लेकिन रविवार तक आदेश जारी नहीं हो सके।
शहरी निकायों के स्तर पर: पांच जून की कैबिनेट में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी को मंजूरी मिली। इसमें गंदगी फैलाने पर 1000 रुपये और प्रतिबंधित पॉलिथिन के इस्तेमाल पर 50 हजार रुपये तक के जुर्माने की व्यवस्था करने को कहा गया था। शहरी निकायों को इसे अपनी बाईलॉज में शामिल करना था। छह महीने का समय इसके लिए दिया गया है। हालांकि, जब मुख्यमंत्री ने पॉलिथिन पर प्रतिबंध लगाने की मियाद तय कर दी तो भी शहरी निकायों ने इतना परिवर्तन तय समय में करने के लिए कोई उत्साह नहीं दिखाया।
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