उमर अब्दुल्ला ने गुजारा भत्ता सुनवाई को चुनौती दी, कोर्ट ने पायल से मांगा जवाब
जस्टिस संगीता ढींगरा सहगल ने पायल से उमर की उस अर्जी पर 24 नवंबर तक जवाब दायर करने को कहा जिसमें दावा किया गया है कि गुजारा भत्ते की मांग को लेकर उनके और उनके दो बेटों की ओर से दायर अर्जी विचारणीय नहीं है.
सुनवाई के दौरान उमर के वकील ने हाईकोर्ट के सामने दलील दी कि पायल का अपना स्वयं का व्यापार और राष्ट्रीय राजधानी में एक मकान है, इसलिए राहत का हकदार होने के लिए पहले उन्हें यह साबित करना होगा कि वह स्वयं अपना भरण-पोषण नहीं सकती. वकील ने यह भी दलील दी कि पायल के दोनों बेटे बालिग हैं और इसलिए वे भी गुजारा भत्ता की मांग नहीं कर सकते.
उमर ने अपनी अर्जी में फैमिली कोर्ट को यह निर्देश देने की मांग की है कि वह अंतरिम गुजारा भत्ता के मुद्दे पर निर्णय से पहले यह फैसला करे कि पायल की अर्जी विचारणीय है या नहीं. उन्होंने फैमिली कोर्ट के नौ सितंबर 2016 के उस आदेश को भी चुनौती दी है जिसमें उसने गुजारा भत्ता मामले में उन्हें सम्मन जारी किए हैं.वकील ने अदालत को बताया कि परिवार अदालत के समक्ष मामले की अगली सुनवाई की तिथि नौ दिसंबर है. इसके बाद अदालत ने मामले को 29 नवंबर को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
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