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गुजरात चुनावों में दागियों का भी रहा है अपना जलवा

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गुजरात चुनावों में दागियों का भी रहा है अपना जलवा

 

 

गुजरात में चुनावी बिगुल फुंक चुका है. 9 और 12 दिसंबर के दिन जनता फैसला करेगी कि आगामी पांच साल वहां की सत्ता पर किसका कब्ज़ा होगा?क्या नरेंद्र मोदी के गढ़ पर कांग्रेसी झंडा लहराएगा या अमित शाह की अगुवाई में भाजपा फिर जीत के झंडे गाड़ेगी? पिछली बार तो दागियों की संख्या 46 थी, इस बार क्या इसमें कमी आएगी?

इन सवालों के जवाब में यही कहना चाहिए कि गुजरात में इस बार मुकाबला बहुत रोचक है. एक तरफ जहां कांग्रेस और भाजपा जी-जान से जुटे हैं, वहीं अल्पेश ठाकोर, हार्दिक पटेल और जिग्नेश मेवाणी की युवा तिकड़ी चुनाव पलटने में जुटी है. इस चुनावी दंगल में दो पुराने दिग्गज भी अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं. वो दो नाम कोई और नहीं बल्कि पुराने भाजपाई केशु भाई पटेल और पूर्व दिग्गज कांग्रेसी शंकर सिंह वाघेला हैं. ये दोनों अपने बनाए सियासी दलों के साथ चुनावी मैदान में हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इस बार विधानसभा में दागियों की तस्वीर कैसी होगी.

केशु भाई GPP (गुजरात परिवर्तन पार्टी) और वाघेला जन विकल्प मोर्चा के साथ मैदान में हैं. बीते विधानसभा चुनाव (2012) में चुने गए विधायकों पर नज़र डालें तो बड़ी तादाद में दागी मौजूद थे. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 31% विधायकों पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं. ऐसे विधायकों की संख्या 49 है.अब देखना होगा कि क्या इस बार भी गुजरात की जनता दागियों को चुनकर विधानसभा भेजेगी? या पहले से ज़्यादा साफ और बेहतर दिखाई देगी गुजरात विधानसभा की तस्वीर?

किस पार्टी के कितने दागी?
वर्तमान में गुजरात में भाजपा के 112 हैं. इनमें से 30 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. 15 विधायक ऐसे हैं जिन पर गंभीर अपराध के आरोप हैं. आपराधिक इतिहास वाले विधायकों की संख्या 27% है.

दूसरी तरफ विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों की बात करें तो उनकी कुल संख्या 42 है. कांग्रेस के कुल 15 विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं तो 04 इनमें से ऐसे हैं, जिन पर गंभीर अपराध के आरोप हैं. क्रिमिनल छवि वाले नेता सिर्फ इन्हीं दो दलों से नहीं हैं बल्कि छोटी-छोटी पार्टियों में भी यही ट्रेंड दिखाई देता है.

करोड़पति नेताओं की झड़ी
2012 चुनाव में चुने गए करोड़पति विधायकों की बात करें तो उनकी कुल संख्या 108 थी. जो कुल संख्या की 68% थी. सबसे ज़्यादा करोड़पति विधायकों वाली पार्टी की बात करें तो इसमें भाजपा सबसे आगे है. भाजपा के कुल 73% यानि 82 विधायक ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 1 करोड़ से ज़्यादा है. कांग्रेस के टिकट पर चुने गए कुल 42 में से 23 विधायक करोड़पति हैं. उनकी कुल संख्या 55% है.

इन दोनों पार्टियों के अलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के गुजरात विधानसभा में 2 विधायक हैं. दोनों ही विधायकों की संपत्ति करोड़ों में है. जबकि जेडीयू के पास एक एमएलए है, जिसकी संपत्ति एक  करोड़ से ज़्यादा है.

गुजरात के 6 विधायक अनपढ़
आपराधिक रिकॉर्ड और संपत्ति के बाद शैक्षणिक स्तर की बात करें तो समृद्ध राज्यों में शुमार गुजरात काफी पिछड़ा दिखाई देता है. गुजरात के 51% यानि 82 विधायक सिर्फ 12वीं क्लास तक पढ़े हैं. जबकि ग्रेजुएट और उससे ज़्यादा पढ़े लिखों की बात करें तो ये संख्या 42% है. विधानसभा में 6 विधायक ऐसे भी हैं जो अनपढ़ है.

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