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क्या भारत पर पाक से बातचीत का दबाव डाल रहा है US?

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क्या भारत पर पाक से बातचीत का दबाव डाल रहा है US?

 

 

अमेरिका की डोनाल्ड ट्रंप सरकार भारत और पाकिस्तान के संबंधों को ठीक करने की कोशिश कर रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान में बंद कुलभूषण जाधव को उनकी पत्नी से मिलने की अनुमति देना भी अमेरिका की इसी कोशिश का नतीजा था.

पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि अपने हाल के दौरे में अमेरिका के स्टेट सेक्रेटरी रेक्स टिलरसन ने दोनों देशों की सरकारों से बातचीत शुरू करने के लिए कहा था. कहा जा रहा है कि भारत-पाक के बीच संबंध ठीक करने के पीछे अमेरिका का मकसद है कि दोनों देशों के बीच शांति होने के बाद ही वह अफगान पर पूरी तरह फोकस कर सकता है.

अखबार ने लिखा, “टिलरसन के दौरे के बाद पर्दे के पीछे की कई कोशिशें नजर आ रही हैं. कश्मीर क्षेत्र में एलओसी पर पहले की तुलना में हिंसा की घटनाएं कम हो रही हैं.”

अखबार ने युद्धाभ्यास से जुड़े बड़े अधिकारियों के हवाले से लखा है कि ट्रंप प्रशासन दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव कम होते देखना चाहता है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि टिलरसन ने पाकिस्तान से कहा है कि ट्रंप प्रशासन भारत और पाकिस्तान के बीच मेल मिलाप को बढ़ावा देना चाहता है.पाकिस्तान ने यह साफ किया है कि जाधव को उनकी पत्नी से मिलने देने का फैसला मानवता के आधार  पर लिया गया है. बता दें कि जाधव को पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है. पाकिस्तान के अधिकारी मानने से इनकार कर रहे हैं जाधव मामले में या एलओसी पर हिंसा में कमी के लिए यूएस का दखल जिम्मेदार है.

अधिकारियों ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान का तनाव कहीं न कहीं अफगानिस्तान में शांति स्थापित करने के अमेरिका की कोशिशों को कमजोर करेगा. एक तरफ पाकिस्तान को जहां किसी तीसरे देश के दखल से आपत्ति नहीं है, वहीं भारत ने सार्वजनिक रूप से इसका विरोध किया है.

अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान ने यूएस से अनुरोध किया है कि यह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर भारत को बातचीत के लिए तैयार करें.

हालांकि समय को देखते हुए यह साफ नहीं है कि दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होगी या नहीं. दरअसल कुछ महीनों बाद पाकिस्तान में संसदीय चुनाव शुरू होने हैं. ऐसे में दोनों देशों के बीच बातचीत की संभावना कम है. हालांकि अमेरिका की कोशिशो के तहत दोनों देशों के नेता और अधिकारी एक दूसरे से मुलाकात कर सकते हैं.

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