24 घंटे बिजली नहीं देने पर कंपनियों पर लगेेेेगा जुर्माना!
सरकार ने दिसंबर 2018 तक घर-घर बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. वह बाकी बचे सभी गांवों के विद्युतीकरण का काम समय से पहले इस साल दिसंबर तक पूरा करने का प्रयास कर रही है. इसके साथ ही मार्च 2019 तक सभी घरों को 24 घंटे अनवरत बिजली सुलभ कराने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है.
टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और प्रबंध निदेशक अनिल सरदाना ने कहा, ‘इस लक्ष्य के लिए जरूरी है कि बिजली वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिति बेहतर हो.’ उन्होंने उदय योजना को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) सरकार की बिजली कंपनियों की वित्तीय स्थिति में सुधार की योजना है.
उद्योग मंडल सीआईआई के बिजली पर राष्ट्रीय समिति के चेयरमैन सरदाना ने कहा, ‘बिजली अपूर्ति में सकल तकनीकी व वाणिज्यिक नुकसान में कमी, लागत और कीमत के बीच का अंतर कम करने तथा नियमित तरीके से बिजली दरों में संशोधन से कंपनियों की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी. कंपनियों की हालत ठीक रहने से हर घर को अनवरत बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करने का लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी.’दिल्ली के कुछ हिस्सों में बिजली वितरण का जिम्मा संभाल रही टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) के प्रवक्ता ने कहा, ‘देश की राजधानी दिल्ली जैसे कुछ शहरों में बिजली कटौती पर जुर्माने का प्रावधान है. सभी घरों को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए इसी प्रावधान को देश में सभी बिजली कंपनियों पर लागू किए जाने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वितरण कंपनियां वित्तीय समस्याओं या अकुशलता की आड़ में बिना सोच विचार के बिजली कटौती नहीं करें.’
पीपीए के अनुपालन को अनिवार्य बनाया जाएगा
केंद्रीय बिजली मंत्री आरके सिंह ने हाल में कहा था कि सरकार बिजली कानून संशोधन विधेयक को अंतिम रूप दे रही है जिसमें अन्य बातों के अलावा बिजली कंपनियों को लाइसेंस नवीनीकरण से पहले अपने क्षेत्र की 100 प्रतिशत बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए बिजली खरीद समझौता (पीपीए) करना होगा. साथ ही पीपीए के अनुपालन को अनिवार्य बनाया जाएगा और ऐसा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान होगा.
बीएसईएस राजधानी पावर लि. के निदेशक गोपाल सक्सेना ने कहा, ‘देश भर में वितरण कंपनियों पर हर जगह बिजली की आपूर्ति करने का दायित्व (यूएसओ) रहता है. दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अहमदाबाद जैसे शहरों में मजबूत नियामकीय ढांचा और स्थापित मानक हैं.’
उन्होंने कहा कि अन्य शहरों में भी नियामकीय व्यवस्था मजबूत बनाकर और कड़ाई से लागू कर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
हर घर को बिजली मिले
सरदाना ने कहा, ‘निजी वितरण कंपनियां अपने लाइसेंस क्षेत्र में यह सुनिश्चित कर रही हैं कि प्रत्येक परिवार को अनवरत बिजली मिले. हमारा मानना है कि सरकार के इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली वितरण कंपनियों से भी इसी प्रकार की प्रतिबद्धता जरूरी है.’
बिजली मंत्रालय के गर्व पोर्टल के अनुसार बिजली सुविधाओं से वंचित 18,452 गांवों में से 14,911 गांवों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है जबकि 2,508 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम जारी है. वहीं 1,033 गांव ऐसे हैं जहां कोई नहीं रहता है. इस लक्ष्य को दिसंबर 2017 तक पूरा करने का लक्ष्य है. पहले इसके लिए मई 2018 तक का लक्ष्य रखा गया था.
सरकार ने दिसंबर 2018 तक सभी घरों को बिजली पहुंचाने के लिए सौभाग्य योजना शुरू की है. इसके तहत बिजली सुविधा से वंचित करीब चार करोड़ परिवारों को बिजली उपलब्ध कराया जाना है.
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