4 साल में बेकार हो जायेंगे डेबिट, क्रेडिट कार्ड और ATM
उन्होंने कहा कि भारत में 72 प्रतिशत जनसंख्या 32 साल से कम उम्र के लोगों की है. ऐसे में उसके लिये यह अमेरिका और यूरोप के देशों के मुकाबले जनसांख्यिकीय लाभांश की स्थिति दर्शाता है.
कांत ने यहां अमेटी विश्वविद्यालय के नोएडा कैंपस में एक सभा को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘भारत में क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और एटीएम की प्रौद्योगिकी अगले तीन से चार साल में बेकार हो जायेगी और हम सभी तमाम लेनदेन करने के लिये अपने मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे होंगे.’’
कांत को अमेटी विश्वविद्यालय में डाक्टरेट की मानद उपाधि दी गई.उन्होंने कहा कि भारत दुनिया में एकमात्र देश हैं जहां अरबों की संख्या में बायोमेट्रिक डेटा उपलब्ध हैं. इसके साथ ही मोबाइल फोन और बैंक खाते भी हैं इसलिये भविष्य में यह एकमात्र देश होगा जहां कई तरह की नई चीजें होंगी. ज्यादा से ज्यादा वित्तीय लेनदेन मोबाइल फोन के जरिये किये जायेंगे और यह रुझान पहले से ही दिखने लगा है.
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