नई दिल्ली । महिला टी-20 क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर की डिप्टी डीएसपी बनने की उम्मीदों को झटका लगा है। पंजाब सरकार ने उनसे डिप्टी एसपी रैंक छीन ली है। अब उन्हें कांस्टेबल की नौकरी मिल सकती है। दरअसल, जांच में उनकी स्नातक की डिग्री फर्जी पाई गई है। खबरों की मानें तो हरमनप्रीत अर्जुन अवॉर्ड भी छिन सकता है। बता दें कि पंजाब के मोगा की रहने वाली हरमनप्रीत ने 1 मार्च, 2018 को डिप्टी एसपी पद पर जॉइन किया था।
उन्होंने जॉइनिंग के वक्त जिस चैधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ से जारी स्नातक की डिग्री जमा की थी, उसे फर्जी बताया गया है। इस संदर्भ में पंजाब सरकार ने हरमनप्रीत को चिट्ठी लिखा- आपकी क्वॉलिफिकेशन सिर्फ 12वीं तक ही मान्य है, ऐसे में आपको कांस्टेबल की नौकरी मिल सकती है। पंजाब के एक अधिकारी ने बताया कि मौजूदा शैक्षिक योग्यता के हिसाब से उन्हें को डीएसपी की रैंक नहीं मिल सकती। पंजाब पुलिस के नियम 12 वीं पास शख्स को डिप्टी एसपी बनाने की इजाजत नहीं देते।
दूसरी ओर, हरमनप्रीत के मैनेजर की ओर से कहा गया है कि उन्हें इस तरह को कोई भी लेटर नहीं मिला है। साथ ही उन्होंने डिग्री फर्जी होने पर सवाल किया है कि यही डिग्री रेलवे में भी जमा की थी तो यह फर्जी कैसे हो सकती है?
इस मामले में एक और बात सामने आ रही है। वह यह कि अगर पंजाब पुलिस हरमनप्रीत के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करती है तो उनसे अर्जुन अवॉर्ड छिन सकता है। हालांकि, इस बारे में पंजाब सरकार की ओर से अभी तक कुछ नहीं कहा गया है। हरमन इससे पहले इंडियन रेलवे में कार्यरत थीं। पंजाब पुलिस में जॉइन करने को लेकर उन्होंने अपनी पिछली जॉब को छोड़ा था।
बता दें कि इस मामले की सबसे पहले पुष्टि डीजीपी (एडमिनिस्ट्रेशन) एमके तिवारी ने की थी। उन्होंने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया था- हरमनप्रीत ने ग्रेजुएशन डिग्री कथित तौर पर मेरठ की चैधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी की ओर से दी गई थी। जब पंजाब आर्म्ड पुलिस के कमांडेंट (जालंधर) ने मेरठ यूमिवर्सिटी में डिग्री को जांच के लिए भेजा तो यूनिवर्सिटी की ओर से जवाब आया कि ऐसा रजिस्ट्रेशन नंबर होता नहीं है।
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