नई दिल्लीः यारसा गुम्बा हिमालय क्षेत्र में पाए जाने वाला एक पौधा है। जिसकी कीमत दिन पर दिन लगातार बढ़ती जा रही है। इसकी कीमत को लेकर काफी बवाल मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि इस कीड़ा जड़ी औषधि की कीमत 20 लाख रुपए किलो हो गई है। जिसके बाद से ही इसकी चुगान पर काफी बवाल मचा हुआ है। इसका इस्तेमाल एक औषधि के रूप में किया जाता है।
इसे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है। बाजारों में इस औषधि की कीमत बहुत ज्यादा है। इस औषधि को कीड़ा जड़ी भी कहा जाता है। ये बेहद कीमती औषधि है। इसके बीज को हेपिल्स प्रजाति का कीड़ा मिट्टी में अपने भोजन के साथ खाता है।जब जाकर इस औषधि का निर्माण होता है।
हेपिल्स कीड़े के शरीर के अंदर के प्रोटीन का उपयोग कर यारसा गम्बू पैदा होता है। इस पूरे प्रक्रिया में हेपिल्स कीड़ा मर जाता है उसके बाद फफूंद कीड़े का आकार ले लेती है और जब पूरी बर्फ पिघल जाती है इसके बाद इसमें से धागे की तरह तंतु बाहर निकलते है।
इस औषधि का इस्तेमाल यौन दुर्बलता, शक्तिवर्धक दवा बनाने के साथ-साथ कैंसर के रोग से मुक्त होने के लिए भी किया जाता है। इसका उपयोग शरीर की उर्जा बढ़ाने के लिए भी किया जाता है। ये औषधि पंचाचूली, राजरंभा, लास्पा धूरा, नागनी धूरा, बलाती, छिपलाकेदार, कनार, जुम्मा, दारमा घाटी के बुग्याल, घोड़धाप, चैरती, घोपटया, दोबाटी, सतपैर आदि इलाकों में इसको पाया जाता है। इन इलाकों में यारसा गुम्बा यानी कीड़ा जड़ी की लगभग 50 से 150 किलो तक की खेती होती है।
इसकी कीमतों को लेकर लगातार घमासान मचा हुआ है। प्रशासन इसकी चुगान पर भी रोक लगा रहा है। इस कीड़ा जड़ी पर लंबे समय से विवाद चल रहा था। प्रशासन से इस मसले को सुलझाने की कोशिश की लेकिन वह सुलझा नहीं पाई। इसके बाद इस इलाके में कीड़ा जड़ी की चुगान पर रोक लगा दी गई है।
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