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परम्परा है भई परम्परा. जैसे हमारे देहात में अब भी शाम होते ही लोटा लेकर रेलवे लाइन पर निकल जाने की परम्परा है. सरकारें इस परम्परा को खत्म करने में खत्म हुई जा रही हैं. इसी तरह चीन में भी एक प्राचीन परम्परा चल रही है. बच्चों को पीछे की तरफ छेद वाली चड्डी पहनाने का. देखो भई उनकी भी इज्जत तो आगे की तरफ होती है. पीछेस्याला जो दिख रहा है दिखने दो. तो भाईसाब चीन के बच्चे ऐसी वाली चड्डी पहनते हैं.
बच्चों के कपड़ों को लेकर मां-बाप बहुत सचेत रहते हैं कि कही उसमें कोई कमी न रह जाए लेकिन चीन में कुछ अलग ही नजारें देखने को मिलते हैं। यहां अक्सर बच्चों की पैंट या हॉफ पैंट के पिछले हिस्से में बड़े-बड़े छेद देखने को मिलते हैं। दरअसल बच्चों को चलने-फिरने में दिक्कत न हो इसलिए चीन के बहुत से लोग उन्हें एक तरह की पारंपरिक ड्रेस पहनाते हैं. इसे श्कई डांग कूश् कहा जाता है।
यह एक खघस तरह की पैंट होती है जिसके पिछले हिस्से में बड़ा से छेद होता है. ये सच है कि पहले की तुलना में अब इनका कम इस्तेमाल होता है लेकिन ये चलन खत्म भी नहीं हुआ है।
विदेशियों को इस तरह की पैंट का कोई मतलब समझ नहीं आता। बाहर से आए ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि ये अच्छी आदत नहीं है और इससे बच्चों को परेशानी होती है। लेकिन ऐसे पैंट से बच्चों को शौच आदि में बड़ी आसानी होती है और अभिभावकों भी कम परेशानी झेलनी पड़ती है।
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