नई दिल्ली। फेसबुक-ट्विटर और व्हाट्स एप जैसे सोशल मीडिया कंपनियों को भारत में अपनी सेवा देने के लिए लाइसेंस लेना होगा। सोशल मीडिया कंपनियों ने अमेरिका की ट्रंप सरकार के माध्यम से भारत पर ऐसा नहीं करने का दबाव बनाया गया था। हालांकि, भारत ने अमेरिका से साफ कह दिया कि वह देशहित से जुड़े इस मामले में कोई समझौता नहीं करेगा।
भारत में फेसबुक-ट्विटर और व्हाट्स एप जैसी सोशल मीडिया को भारत के कायदे-कानूनों की हद में रह करही काम करने का मौका मिलेगा। फेसबुक-ट्विटर और व्हाट्स एप के लिए भारत सबसे बड़ी मार्केट है और इसका साइज आने वाले दिनों में लगातार बढ़ने की संभावना है। फेसबुक और ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के माध्यम से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी लेकिन भारत ने साफ कह दिया कि देश हित से जुड़े मामलों में कोई समझौता नहीं करेगा।
भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि इससे जुड़ा नया कानून अगले महीने आ सकता है, जिसमें आईटी कंपनियों के लिए जरूरी बदलाव किए जाने का प्रस्ताव है। ध्यान रहे, अभी भारत-अमेरिका में जिन अहम मुद्दों पर टकराव हुआ था। उनमें सोशल मीडिया कंपनियों को देश के भीतर लाइसेंस लेने की शर्त को हटाने के अलावा चीनी कंपनी हुवावे पर प्रतिबंध भी शामिल था। दरअसल सोशल मीडिया कंपनियों की ओर से पूरा सहयोग नहीं देने के बाद केंद्र सरकार ने नए कानून बनाने की पहल की है जिसमें कहा कि इन सभी कंपनियों को भारत से जुड़े यूजर्स का डेटा भारत में ही रखना होगा।
सरकार का तर्क है कि ये कंपनियां देश में कानूनी प्रक्रिया से इसलिए बच जाती हैं क्योंकि इनका लाइसेंस देश में नहीं लिया गया है। लेकिन इसके लिए अब तक ये कंपनियां तैयार नहीं हो रही हैं। उनका तर्क है कि अगर भारत की मांग को मान लिया जाए, तो दूसरे देश भी ऐसी मांग करेंगे। सभी देशों में ऐसा करना संभव नहीं होगा। बता दें कि ज्यादातर सोशल मीडिया कंपनियां अमेरिका की हैं और उन्हें वहीं से लाइसेंस प्राप्त हुआ है. इनमें फेसबुक, ट्विटर जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
केंद्र सरकार और वॉट्सऐप के बीच भी पिछले कई महीनों से तनातनी चल रही है। सरकार वॉट्सऐप पर चलने वाले नफरत भरे और फेक न्यूज पर अंकुश लगाने के लिए आईटी ऐक्ट में बदलाव लाना चाहती है, जिससे कि उसे वॉट्सऐप पर चलने वाले मेसेज को ट्रैक करने का अधिकार हो। लेकिन फेसबुक की स्वामित्व वाली वॉट्सऐप कंपनी इसके लिए तैयार नहीं है। कंपनी ने सरकार से कहा है कि चूंकि वह यूजर्स की निजता से समझौता नहीं कर सकती है। इस कारण वह इसके लिए तैयार नहीं है।
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