शिवरात्रि देवाधिदेव शिव को समर्पित है। वैसे तो हर महीने शिवरात्रि पड़ती है लेकिन फाल्गुन कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को पड़ने वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व है। महाशिवरात्रि इस बार 14 फरवरी (बुधवार) को पड़ रही है।शास्त्रों के अनुसार इस दिन भक्तों को व्रत करना चाहिए। इस दिन निर्जला व्रत रखने का विशेष महत्व है। जो भे इस दिन निर्जला व्रत रखता है उसे सारे कष्ट महादेव दूर कर देते हैं। इस दिन प्रातः स्नान कर भगवान शिव को जल अर्पण करना चाहिए।
शिवरात्रि का महत्व
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव का विवाह पार्वती के साथ हुआ था। शिव की पूजा शुभ मुहूर्त में करने से जीवन की हर संकट का समाधान हो जाता है। साथ ही मान्यता यह भी है कि इस दिन व्रत रखने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव की पूजा प्रदोष में की जाती है। प्रदोष काल सूर्यास्त से लेकर मध्य रात्रि के बीच का समय होता है। शिवरात्रि के व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है। विशेष परिस्थिति में फलाहार किया जा सकता है। शिवरात्रि की पूजा का फल तभी मिलता है जब शिव का विधिपूर्वक रुद्राभिषेक किया जाता है।
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