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रिवर्स डायटिंग है Weight Loss का नया ट्रेंड

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आपका वजन घटाने का मिशन तभी सफल हो पाएगा जब आप जितनी मात्रा में कैलरी का सेवन करते हैं और एक्सर्साइज या वर्कआउट के जरिए जितनी मात्रा में कैलरी बर्न करते हैं उसके बीच परफेक्ट बैलेंस हो। ऐसे में ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि वेट लॉस करना है तो खाना कम खाना चाहिए। लेकिन कुछ लोग ज्यादा खाना खाकर भी दुबले-पतले ही रहते हैं। ऐसे में ज्यादा कैलरीज का सेवन कर वेट लॉस करने के इस डायट ट्रेंड का नाम है रिवर्स डायटिंग और इसे कैसे करते हैं यहां जानें…

आखिर क्या है रिवर्स डायटिंग?

रिवर्स डायटिंग का ट्रेंड बॉडी बिल्डर्स और ऐथलीट्स के बीच काफी पॉप्युलर है जो अपने शरीर का एनर्जी लेवल बनाए रखने के साथ ही बॉडी वेट को भी मेन्टेन रखते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो रिवर्स डायटिंग के जरिए शरीर की एनर्जी बेहतर होती है, भूख कम लगती है और वेट लॉस को स्थिर करने में मदद मिलती है। रिवर्स डायटिंग में कुछ हफ्तों के दरम्यान आपको धीरे-धीरे कैलरी का इनटेक बढ़ाना है ताकि मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाया जा सके।

आमतौर पर जो दूसरे डायट ट्रेंड्स होते हैं उसमें आपको समय के साथ अपना कैलरी इनटेक धीरे-धीरे घटाना होता है ताकि आपका शरीर उसके अनुकूल हो जाए। ऐसा करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म कम हो जाता है और शरीर की एनर्जी बचने लगती है। लेकिन रिवर्स डायटिंग की यह स्थिति थोड़ी दिक्कत वाली हो सकती है उस समय के लिए जब आप वेट गेन किए बिना अपने नॉर्मल डायट में वापस आना चाहते हैं।

कैसे करें रिवर्स डायटिंग?

रिवर्स डायटिंग में आपको हर हफ्ते सामान्य इन्पुट से 50 से 100 कैलरी ज्यादा इनटेक करना होता है। साथ ही इस प्रोसेस को 4 से 10 सप्ताह तक फॉलो करना होता है। इस दौरान आपका प्रोटीन इनटेक एक जैसा ही रहना चाहिए। कैलरी इनटेक बढ़ने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होगा और आप नॉन एक्सर्साइज ऐक्टिविटी जैसे- बात करने, चलने और सामान्य काम करने के दौरान भी काफी कैलरी बर्न कर सकते हैं। साथ ही लेप्टिन जैसे हॉर्मोन का लेवल सामान्य करने में भी मदद मिलेगी जो भूख और बॉडी वेट को रेग्युलेट करने के लिए जिम्मेदार है।

क्या वेट लॉस में मददगार है रिवर्स डायटिंग?
रिवर्स डायटिंग के जरिए अनहेल्दी फूड आइटम्स को ज्यादा खाने की जो चाहत होती है उसके रिस्क को कम करने में मदद मिलती है। ऐसे में अगर हम इस डायटिंग ट्रेंड के थिअरी पर विश्वास करें तो यह डायट वेट लॉस के लिए अच्छा है लेकिन प्रैक्टिकली यह कितना असरदार है इस बारे में अब तक कोई पुष्टि नहीं हुई है। रिवर्स डायटिंग से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है और डायटिंग के बाद दोबारा वजन बढ़ने का खतरा नहीं रहता। साथ ही एनर्जी लेवल बढ़ता है और भूख भी कम लगती है। लेकिन इस डायट ट्रेंड से वेट लॉस होता है इसे पूरे विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता।

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