डेस्क। चारधाम यात्रा में इस बार केदारनाथ मंदिर के पास तक श्रद्धालु जूते-चप्पल पहनकर नहीं जा पाएंगे। मंदिर के चारों ओर परिक्रमा के लिए बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की ओर से तांबे या पीतल की चारदीवारी बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।
केदारनाथ मंदिर में अभी तक परिक्रमा के लिए कोई निश्चित दूरी निश्चित नहीं है। इससे श्रद्धालु जूते चप्पल पहनकर मंदिर के करीब तक पहुंच जाते हैं। यहां तक मंदिर के मुख्य द्वार के बाहर नंदी की मूर्ति तक श्रद्धालु जूते पहन कर ही दर्शन करते हैं।
पिछले वर्ष भी बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पर्यटन विभाग को पत्र भेजकर केदारनाथ मंदिर परिक्रमा पथ का निर्धारण एवं सीमांकन करने के लिए बोला है। जिससे मंदिर की पवित्रता और श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना को ठेस भी न पहुंचे।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की संख्या पर नियंत्रण और राज्य के लोगों को पंजीकरण में छूट देने मुद्दे पर 26 मार्च को हितधारकों की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता भी हो सकती है। तीर्थ पुरोहितों, चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों के विरोध से बना गतिरोध अब समाप्त करने के लिए गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान ने वार्ता की पहल भी की है।
चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या सीमित करने के साथ ही राज्य के स्थानीय लोगों के लिए पंजीकरण अनिवार्य करने का तीर्थ पुरोहित और पर्यटन तीर्थाटन गतिविधि से जुड़े कारोबारी विरोध भी कर रहे हैं।
साथ ही 21 मार्च को चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के आह्वान पर यात्रा के मुख्य पड़ावों में हितधारकों ने धरना प्रदर्शन भी किया था।
चारधाम महापंचायत के महासचिव डॉ. बृजेश सती ने बताया कि बुधवार को गंगोत्री के विधायक सुरेश चौहान से मुलाकात कर महापंचायत व चारधाम होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपना पक्ष भी रखा। विधायक ने इस बात का आश्वासन दिया है कि जल्दी ही मुख्यमंत्री से वार्ता कर समस्या का समाधान भी निकाला है। और इस मौके पर महापंचायत के अध्यक्ष सुरेश सेमवाल, चारधाम होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय पुरी, गंगोत्री धाम के रावल मुकेश सेमवाल, उत्तरकाशी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष शैलेंद्र मटूडा आदि को भी शामिल किया था।
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