लेकिन अगर आप चाहें तो निवेश के लिए आरडी की बजाय म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) को भी चुन सकते हैं. आजकल तमाम लोग SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं. इसमें आपको ब्याज ज्यादा मिलता है, लेकिन कितना मिलेगा, इसकी गारंटी नहीं होती क्योंकि ये स्कीम मार्केट से लिंक्ड है. आइए आपको बताते हैं कि पोस्ट ऑफिस RD और SIP, दोनों में कहां आपको ज्यादा मुनाफा मिलेगा? ताकि आप ये सुनिश्चित कर सकें कि आपको कहां निवेश करना चाहिए.
₹5000 की RD में बनेगा कितना पैसा?
मान लीजिए कि आप पोस्ट ऑफिस में हर महीने ₹5000 की आरडी शुरू करवाते हैं तो आप एक साल में 60,000 रुपए और 5 सालों में कुल 3,00,000 रुपए का निवेश करेंगे. 6.5 के हिसाब से आपको इस निवेशित रकम पर कुल 54,957 रुपए ब्याज के तौर पर मिलेंगे. वहीं मैच्योरिटी के समय जमा राशि और ब्याज की राशि को मिलाकर कुल 3,54,957 रुपए मिलेंगे.
₹5000 की SIP में कितना मुनाफा?
अब बात करें SIP की, तो अगर आप ₹5000 हर महीने एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में लगाते हैं, तो आपका निवेश उतना ही होगा, जितना आप आरडी में करेंगे. लेकिन मुनाफा इसमें काफी बेहतर होगा. आमतौर पर देखा जाता है कि एसआईपी में औसतन 12 फीसदी के हिसाब से रिटर्न मिल जाता है. ऐसे में 3,00,000 के निवेश पर आपको ब्याज के तौर पर 1,12,432 रुपए मिलेंगे और 5 साल बाद कुल 4,12,432 रुपए मिलेंगे. ब्याज के मामले में अगर आप तुलना करें तो आरडी के मुकाबले एसआईपी में मिलने वाला ब्याज करीब-करीब दोगुना है. अगर आपकी किस्मत से साथ दिया और मुनाफा बेहतर हो गया, तो मैच्योरिटी की रकम और ज्यादा हो सकती है.
ये भी जान लें
आरडी में अगर आपने एक बार स्कीम शुरू कर दी, तो आपको लगातार 5 साल तक हर महीने निश्चित रकम की किस्त देनी ही पड़ती है. इसमें से आप मैच्योरिटी से पहले रकम नहीं निकाल सकते. अगर जरूरत है तो आप खाता खुलवाने की तारीख से तीन साल बाद इसे कभी भी बीच में बंद करा सकते हैं. लेकिन अगर आप इस अकाउंट को अगर मैच्योरिटी पीरियड से एक दिन पहले भी बंद कराते हैं तो आपको इसमें ब्याज पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट के हिसाब से दिया जाता है.
वहीं SIP में ऐसा नहीं है. अगर किसी कारण से आपकी स्थिति लगातार 5 साल तक निवेश कर पाने की नहीं बन पा रही है, तो आप कभी भी इसे बंद कर सकते हैं और रकम को ले सकते हैं. ऐसे में आपने जितना भी पैसा एसआईपी के जरिए मार्केट में लगाया है, उस रकम पर मार्केट के हिसाब से जो भी ब्याज बनेगा, उस ब्याज के साथ कुल रकम वापस मिल जाती है. वहीं अगर आप एसआईपी को कुछ समय के लिए होल्ड करना चाहते हैं, तो आप ऐसा भी कर सकते हैं. इसके बाद कभी भी इसे दोबारा शुरू कर सकते हैं. ऐसे में अगर बीच में जो किस्त आप नहीं दे पाए, उसके लिए किसी तरह की पेनल्टी नहीं लगती.
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