Report – उपेंद्र कुशवाहा
पडरौना, कुशीनगर : निधि खर्च करने के मामले में कुशीनगर के सांसद राजेश पांडेय प्रदेश ही नहीं देश में स्थान रखते हैं। उन्होंने अपनी निधि का करीब दो तिहाई धन इंटरलॉकिंग सड़क निर्माण पर खर्च किया है। इसके बाद उन्होंने विद्युतीकरण तथा गोद लिए गांव के विकास पर ध्यान दिया है। परंतु दो साल का समय बीत जाने के बाद भी उनका ध्यान कुशीनगर जनपद की मूल समस्या गन्दा , गंडक और गुंडा पर नहीं गया है। जिले के विकास के लिए कोई प्रोजेक्ट अथवा उद्योग लाने में सांसद अब तक विफल हैं। यहां तक कि चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में किए गए वादे की भी अब तक उन्हें याद नहीं आई है।
मालूम रहे कि सांसद को अपने क्षेत्र का विकास करने के लिए पांच करोड़ रुपये मिलते हैं। सांसद राजेश पांडेय ने अपने निधि का करीब दो तिहाई हिस्सा यानी तीन करोड़ रुपये इंटरलॉकिंग सड़क बनवाने में खर्च किया है। इसके अलावा उन्होंने गोद लिए गए गांव गोपालगढ पर लगभग 80 लाख , विद्युतीकरण पर 50 लाख, डिजीटल एक्स – रे मशीन पर 20 लाख, सोलर लाइट पर 20 लाख रुपये खर्च किया है। शेष निधि को उन्होंने विद्यालयों,अस्पतालों के सुंदरीकरण के लिए आवंटित किया है। तेजी से अपनी निधि खर्च करने के अलावा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जिससे विकास को बल मिले और जिले की मूल समस्याएं को दूर हों। चुनाव में किए गए वादे तक को सांसद भूल गए है। जिले में सरकारी क्षेत्र की पडरौना की चीनी मिलें वर्षों से बंद पड़ी हैं। किसान अपना गन्ना बेचने के लिए निजी चीनी मिलों पर निर्भर है । घटतौली का शिकार होने के साथ ही भुगतान के लिए काश्तकार मारे-मारे फिर रहे हैं।
चुनाव के दौरान पड़रौना की जनसभा में पीएम नरेंद्र मोदी और सांसद राजेश पांडेय ने जनता से पडरौना चीनी मिल चलवाने तथा गन्ना समस्या दूर करने का वादा किया था लेकिन यह वादा अभी तक वादा ही है।जिले की दूसरी समस्या बड़ी गंडक एवं छोटी गंडक नदी है । इनके बाढ से खड्डा ,पडरौना, हाटा तथा तमकुहीराज तहसील के किसान हर वर्ष I होते हैं लेकिन इस मुद्दे पर भी सांसद चुप हैं। जनपद की समस्या पर तो बात करना ही बेमानी है। बिहार के अपराधिक पृष्ठभूमि और जंगल पार्टी से जुड़े रहे लोग कुशीनगर में बसते चले जा रहे जा रहे हैं।
जिले का तेजी के साथ अपराधीकरण हो रहा है लेकिन सांसद इस गंभीर मामले पर भी कोई पहल नहीं किया है। जबकि इस समस्या को बिना कुछ खर्च किए ही सांसद दूर करा सकते हैं। जिले में नया उद्योग लगवाने, चैपट हो चुकी शिक्षा, स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने तक के लिए भी सांसद का प्रयास शून्य है। कुल मिलाकर बीते दो वर्षों में सांसद ने ऐसा कोई काम नहीं किया हो जिसकी गिनती जनता करे। यहां की जनता आरपीएन सिंह को हरा कर मोदी के नाम पर सांसद राजेश पांडेय को इसलिए जीताया कि जिले का पिछड़ापन दूर होगा, लेकिन बीते सालों जनता की आस पूरा नहीं हो सकी। लोगों का कहना है कि सरकार से मिलने वाली निधि को सांसद की कोई उपलब्धि नहीं है। रुपये मिलें तो कोई भी खर्च कर देगा।
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