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India: देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। इन 75 सालों में देश मे खूब प्रगति हुई है। तकनीकी का तेजी से विकास हुआ है। भारत एक बेहतरीन देश बनकर विश्व के सामने उभर कर आया है। अब देश के लोगो को किसी भी चीज के लिये लाइन में नही लगना पड़ता है। सभी काम झटपट हो जाते हैं। लोग अब इंटरनेट के माध्यम से काफी आगे निकल चुके हैं। 

अगर हम इन बदलावों की बात 1990 के दशक के लोगो से करते तो शायद वह हमपर उस समय हसने लगते और कहते ऐसा भी कभी हो सकता है कि बिना कही जाए हमारे सारे काम घर से हो जाए। लेकिन यह तकनीकी ने सम्भव करने दिखाया और देश को प्रगति का एक नया रास्ता दिया। 
इन बदलावों ने देश की अंतरराष्ट्रीय छवि को तो परिवर्तित किया। वही इस बदलाव के दौर में देश के प्रमुख मुद्दों में काफी परिवर्तन देंखने को मिला। गरीबी जो भारत की सबसे बड़ी समस्या है। हर कोई इसे जड़ से समाप्त करना चाह रहा है। लेकिन कोई ऐसा उपाय नही मिल पा रहा कि इसपर चोट की जा सके और लोगो को गरीबी से निजात मिल जाए।

जाने 75 साल में क्या है गरीबी का हाल:-

अंग्रेज जब भारत छोड़कर गए तो वह भारत विभाजन के मकसद में कामयाब हो चुके थे। उन्होंने भारत के लोगो के बीच आपसी फूट डाल दी और इस फूट का नीतजा यह हुआ की भारत दो हिस्सों में विभाजित हो गया। भारत से निकलकर पाकिस्तान एक नया देश बना। इन दोनों देशों की आर्थिक स्थिति उस समय समान थी। दोनो को खुद को सबके सामने साबित करने की चुनौती थी।
वही भारत ने इन 75 सालों में खुद को काफी बदल दिया और विकास के पथ पर अग्रसर हुआ और पाकिस्तान जो आतंक का चेहरा बन गया और आज भीषण आर्थिक संकट से जूझ रहा है। भारत ने इन 75 सालों में सबसे ज्यादा काम अपने देश की प्रगति और गरीबी को दूर करने के लिए किया। भारत के प्रयास से देश मे गरीबी कम हुई लेकिन असमानताएं बढ़ गई।
साल 1994 से लेकर साल 2011 तक के डेटा को देखे तो इस दौरान भारत की गरीबी सबसे अधिक कम हुई। भारत मे इस दौरान ग़रीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की संख्या 45 फ़ीसद से गिरकर 21.9 फ़ीसद पर आ गयी। आकड़ो के अनुसार करीब 3 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया। साल 2011 में देश की गरीबी को लेकर सर्वे तो किया गया लेकिन उसका आकड़ा अभी तक सामने नही आया है।

भारत की गरीबी को लेकर क्या बोली विश्व बैंक:-

भारत मे गरीबी कम हुई और 3 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी के दलदल से बाहर निकलकर आए। लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी बात थी जो सभी को दंग कर गई। विश्व बैंक ने कहा, भारत मे शहरी लोगो के मुकाबले गांव के लोगो की स्थिति अधिक बेहतर है। गांव के लोग तरक्की कर रहे हैं। लेकिन शहर के लोग स्थिर है। विश्व बैंक के मुताबिक 2019 के अंत तक ग़रीबी रेखा के नीचे रहने वाले आबादी 10.2 फीसदी पर आ गई थी। 
भारत की करीब 45 फीसदी आबादी जो गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन कर रही थी। वह अब कम हो गई है। अब भारत मे गरीबी रेखा के नीचे अपना जीवन यापन करने वाले लोगो की संख्या 10 फीसदी बची है। इन 75 सालों में गरीबी पर इस प्रकार का नियंत्रण भारत के लिए साधारण बात नही है। यह वास्तव में एक बड़ा बदलाव है।

कम हुई गरीबी पर क्या कहते हैं जानकार:-

जानकारो का कहना है कि भारत मे गरीबी हटाओ के नारे की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए गरीबी पर काम किया गया है। भारत मे कम हुई गरीबी का कही न कही राजनीतिक सम्बंध है। क्योंकि जो भी देश मे आर्थिक सुधार हुए हैं उससे असमानताएं बढ़ी है। आज देश का अमीर अमीर हुआ है और गरीबों की सम्पत्ति कम हुई है। वही अरबपतियों की संपत्ति में बढ़ोतरी हो रही है। 
रूस के बाद अगर कही सबसे ज्यादा अरबपति है तो वह भारत मे है। 90 के दशक में भारत से दुनिया के अरबपतियों की फोर्ब्स की सूची में कोई शामिल नहीं था. 2000 में उस सूची में 9 भारतीय थे. 2017 में उनकी संख्या 119 हो गई. और 2022 में फोर्ब्स की अरबपतियों की सूची में 166 भारतीयों के नाम हैं।