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सम्पादकीय:- आज के समय मे मुगल भारत के कोने कोने में चर्चा का विषय बने हुए हैं हर कोई मुगलों के इतिहास के बारे में जानने को उत्सुक हैं वही अगर हम इतिहासकार द्वारा लिखी किताबो को टटोले तो मुगलों का इतिहास महिलाओं के साथ अत्याचार अपनी सगी मां बहनों के साथ दुर्व्यवहार और उनके साथ जबरन यौन शोषण की घटनाओं से पटा पड़ा है। यह एक ऐसा खानदान है जो अपनी ऐय्याशी के लिए विख्यात है। 

अगर हम हुमायूं की बात करें तो यह अपनी सगी बेटी के साथ शरीरिक सम्बंध बनाने के लिए विख्यात है वही अगर हम शाहजहां का इतिहास देखे तो इसने अपनी सगी बहन के साथ संभोग किया। मुगलों का इतिहास इतना खराब रहा है कि उनके यहां हमेशा महिलाओं का शोषण हुआ है और महिलाओं को पुरूषों के पुरुषार्थ का शिकार होना पड़ा।

अकबर ने हिन्दू ही नहीं मुस्लिम महिलाओं की भी लुटी अस्मत:-

वही जब बात मुगल शासक अकबर ही होती है तो उसके विषय मे कई अनेको कहानियां विख्यात हैं लोग इन्हें प्रेम की मिशाल मानते हैं वही भारतीय सिनेमा जोधा अकबर के प्रेम का साक्ष्य बन अकबर की उम्दा छवि बनाने का निरंतर प्रयास करती है। लेकिन अकबर की छवि जिस प्रकार से भारतीय सिनेमा में दिखाई जाती है। वास्तविकता उससे बिल्कुल भिन्न है क्योंकि अकबर एक ऐसा शासक था जिसने अपनी हवस मिटाने के लिए मुस्लिम महिलाओं की अस्मत लूटी इसने अपने स्वार्थ के लिए महिलाओं का उपयोग किया। वही मुस्लिम रानियों में विख्यात चांद बीबी का नाम इसमे काफी मशहूर है। अकबर एक ऐसा सम्राट था जिसने अपनी हवस को पूरा करने हेतु अपनी सगी बेटी आराम बेगम की शादी नहीं होने दी और जहाँगीर के शासन काल मे उसकी अविवाहित ही मौत हो गई। अकबर को सिर्फ अपने स्वार्थ से मतलब था इसे किसी के दुख दर्द की परवाह नहीं थी यह अपनी हवस मिटाने के लिए महिलाओं के साथ अभद्रता की सभी हदे पार कर देता था।

अकबर ने लगाई सती प्रथा पर रोक एक मनगढ़ंत कहानी:-

अकबर को लेकर इतिहास में कहानी वर्णित है कि इसने भारत मे सती प्रथा पर रोक लगाई थी और महिलाओं के लिए हितकारी काम किया। लेकिन इसके पीछे की कहानी कुछ और हैं भारत मे सती प्रथा थी राजपूत राजाओं की पत्नी अपने पति के साथ सती हो जाती थी हालाकि यह व्यवस्था गलत थी और इसे खत्म करने के लिए राजा राममोहन राय ने काफी मशक्कत की और अपने संघर्ष के चलते भारतीय महिलाओं को सती प्रथा से निजात दिलाया। लेकिन जिस प्रकार से कहा जाता है कि सती प्रथा को खत्म करने के लिए पहला कदम अकबर ने उठाया था वह बिल्कुल गलत था क्योंकि इसका इसे रोकने के पीछे का उद्देश्य बिल्कुल अलग था यह इसे रोककर राजवंशी राजकुमारों और राजाओं को मरवाकर उनकी बीवियों को अपने हरम में रखना चाहता था और उनके साथ संभोग करना चाहता था।
सती प्रथा रोकने के पीछे अकबर का क्या इरादा था इसका उदाहरण इतिहास में देखा जा सकता है। जब राजकुमार जयमल की हत्या हुई तो इनकीं पत्नी घोड़े पर सवार होकर सती होने जा रही थी। अकबर ने रास्ते मे उसे पकड़ लिया और उनके सगे संबंधियों को कारागार में भेज दिया और उनको अपने हरम में भेज दिया। वही पन्ना के राजकुमार का कत्ल कर अकबर ने उनकी पत्नी का अपहरण कर लिया और उन्हें अपने हरम में ठूस दिया व उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। 
इतना ही नही यह हर नए साल पर लगने वाले मीना बाजार में महिलाओं के वस्त्र धारण करके जाता था और अपने राजदरबारियों से उनकी पत्नियों को सज धज के मीना बाजार भेजने को कहता था फिर इसे वहाँ जो महिला पसन्द आती थी यह उंसे अपने साथ ले आता था और उनसे खुद का मनोरंजन करता था। वह महिलाओं को एक रात व एक महीने के लिए अपने हरम में रखता था और उनके साथ अपनी ऐय्याशी पूरी करता था। 

अकबर ने किया इस्लाम का दुरुपयोग;-

अकबर महिलाओं के साथ इतना गंदा व्यवहार करता था कि उसे शब्दो मे बयां नहीं किया जा सकता यह जब कही बाहर जाता था तो यह सभी महिलाओं को अपने हरम में भुंसे की तरह बन्द कर देता था और जब वापस आता था तो उनके साथ अपनी हवस मिटाता था । इसने अपने स्वार्थ हेतु इस्लाम का दुरुपयोग किया सुन्नी काजी ने कहा की इस्लाम मे कहा गया है कि एक पुरुष चार से ज्यादा महिलाओं को अपने साथ नहीं रख सकता तो यह सुन्नी काजी से रुष्ट हो गया और इसने अपने दरबार से उसे हटा कर शिया काजी को रख लिया। क्योंकि शिया में असीमित शादियों की अनुमति थी।

अबुल फज़ल ने किया है अकबर के हरम में मौजूद महिलाओं का वर्णन:- 

अकबर के हरम में मौजूद महिलाओं के बारे में अबुल फजल ने व्याख्यान किया है अबुल फजल ने अपनी किताब में बताया की अकबर के महल में 5 हजार से अधिक महिलाएं थी यह अकबर की 35 बेगमों से अलग थी यानी 36 बेगमो से जब अकबर का मन नहीं भरा तो वह अलग अलग महिलाओं के साथ अपनी हवस को पूरी करता था।