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हमारे देश में जब किसी लड़की के साथ रेप की वारदातों की खबर आती है तो उसमें खबर के वायरल होने में सबसे बड़ा योगदान मीडिया और सोशल मीडिया का होता है दिल्ली के कैंट इलाके के नंगल गांव में एक नाबालिग दलित लड़की की मौत का मामला चर्चा में है। जहां लड़की के साथ बलात्कार के बाद हत्या के आरोप लगे है और लड़की के शव का जबरन अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पुजारी के विशेष धर्म होने के कारण इस मामले को ज्यादा तवज्जो नहीं दिया जा रहा है और कहा जा रहा है कि नाबालिग दलित बालिका की मौत करंट से हुई है अगर नाबालिग दलित बालिका की मौत करंट से हुई थी तो इतनी जल्दी क्या थी जो पुजारी और उनके साथियों ने अंतिम संस्कार के नाम पर बलात्कार के बाद दलित नाबालिक बालिका को को जिंदा जला दिया जब तक उसकी मां को पता चलता लड़की की टाँगे ही शेष रह गई। लड़की की मां को यह बताया गया कि करंट से मौत हुई है पुलिस से बचने के लिए उसका अंतिम संस्कार जल्दबाजी में किया गया है।

पुलिस ने इस मामले में एक पुजारी को हिरासत में लिया है।श्मशान घाट के सामने किराए पर पुराना नंगल में नौ साल की नाबालिग लड़की अपने माता-पिता के साथ रहती थी। वह लगभग 5:30 बजे अपनी मां को बताकर श्मशान घाट के वाटर कूलर से ठंडा पानी लेने गई थी। 6 बजे श्मशान घाट के पुजारी पंडित राधेश्याम और नाबालिग लड़की की मां को जानने वाले 2-3 अन्य लोगों ने उसे श्मशान में बुलाया और लड़की के शव को यह कहते हुए दिखाया कि वाटर कूलर से पानी पीने के दौरान उसे करंट लग गया था।लड़की की बाईं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशान थे। उसके होंठ भी नीले थे। यह मां ने देखा पुजारी और 2-3 लोगों ने मां से कहा कि अगर आप पीसीआर कॉल करते हैं तो पुलिस इसका मामला बनाएगी और पोस्टमॉर्टम में डॉक्टर लड़की के सभी अंगों को चुरा लेंगे और इसलिए उसका अंतिम संस्कार करना बेहतर है लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया, जिसके बाद मृतक लड़की की मां ने पति के साथ शोर मचाया कि उनकी मर्जी के बिना उस लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया गया।भीड़ जमा हो गई और फिर पीसीआर कॉल की गई। तुरंत स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची, स्थिति को नियंत्रण में लिया गया।लड़की की मां ने अपना बयान दिया और पुजारी को हिरासत में ले लिया गया ।

पुलिस ने इस मामले में आईपीसी 304, 342, 201 और एससी/एसटी एक्ट के तहत सभी चार आरोपियों पुजारी राधेश्याम, सलीम, लक्ष्मीनारायण, कुलदीप को गिरफ्तार कर लिया । दिल्ली में घटित इस हृदय विदारक दुखद घटना के बाद से एक बात तो साफ हो गई है कि कहीं ना कहीं इसमें राष्ट्रीय महिला आयोग एवं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भी जिम्मेदार है क्योंकि जिस तरीके से ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लीलता परोसी जा रही है वेब सीरीज के नाम पर देह व्यापार किया जा रहा है।इससे समाज में लड़कियों के प्रति लोगों की सोच बदल गई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग एंव सूचना प्रसारण मंत्रालय के जिम्मेदार लोग आँख मूंद कर चुपचाप मौन धारण किये है।दिल्ली में हुई इस हृदय विदारक घटना में जिस तरीके से दलित नाबालिग बालिका के साथ दरिंदगी की गई है उससे तो एक बात साफ हो गई है कि ऐसे घिनौने दुष्कृत्य करने वालो के अंदर का भय समाप्त हो गया। दिल्ली में हुई इस घिनौनी घटना के बाद अमिताभ बच्चन अभिनित

फिल्म अंधा कानून की याद याद आ गई है जिसमें मजबूरी का फायदा उठा कर बलात्कार करने के बाद दुष्कर्मियों के अंदर कानून का भय बिल्कुल नहीं रहता है और अपराधी अपराध पर अपराध करता रहता है अब तो कहना मुश्किल है कि हमारे देश की बेटियां कितनी सुरक्षित हैं बेटियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब भगवान भरोसे है।

योगेन्द्र गौतम