सम्पादकीय:- श्री लंका की बेबदतर आर्थिक स्थिति से हर कोई बाकिफ है। इस समय श्री लंका मे लोग भूख से तड़प रहे हैं। श्री लंका के लोगो ने सरकार के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपने देश को इस भीषण संकट में छोड़कर देश से भाग गए हैं। इनके जाने के बाद श्री लंका में एक बार फिर विद्रोह हुआ ओर प्रदर्शकारियों ने संसद पर हमला बोल दिया। गोटबाया राजपक्षे के जाने के बाद रानिल विक्रमसिंघे को श्री लंका का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया गया है। बेकाबू स्थिति को देखते हुए रानिल ने श्री लंका में आपातकाल की घोषणा कर दी ओर लोगो की गिरफ्तारी शुरू हो गई।
इस समय श्री लंका की जो दशा है उससे हर कोई भली भांति परिचित हैं। लेकिन क्या कभी सोचा है कि भारत के ओर कौन से पड़ोसी देश है जो आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। क्या उन देशों को भी भविष्य में श्री लंका जैसी स्थिति से जूझना पड़ेगा या उन देशों को अभी तक बचा कर रखने में किसी बड़ी शक्ति का हाँथ है। अगर हम आर्थिक संकट से जूझ रहे अपने पड़ोसी देशों की बात करे तो पाकिस्तान, नेपाल, म्यामांर, अफगानिस्तान के हालात किसी से छुपे नहीं है यह देश इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। बस यहां अभी श्री लंका की तरह विस्फोटक धमाका नहीं हुई है। यह सभी देश इस समय महंगाई की मार झेल रहे हैं लोग गुस्से से आग बबूला है ओर सड़को आप अपने अपने यहाँ की सरकारो का विरोध कर रहे हैं। लेकिन अभी उनकी आवाज में उतना दम नहीं है जितना श्री लंका के लोगो की आवाज में है।
भारत के पड़ोसी देशों की इतनी गम्भीर स्थिति देखकर हर कोई सवाल कर रहा है कि इन देशों की सरकारें अपने यहाँ का नेतृत्व सुचारु रूप से नहीं कर पाई। जिसके कारण आज इन देशों की स्थिति इतनी खराब हुई है। लेकिन अब सवाल उठता है कि अगर जनता ने इन देशों में भी विद्रोह कर दिया तो यह देश भी कानून रहित हो जायेगे। यहां भी श्री लंका की तरह तहिमाम मचा दिखाई देगा। वही अगर ऐसा होता है तो इसके प्रभाव से भारत कभी अछूता नहीं रह पाएगा ओर भारत मे भी इस विद्रोह को देखा जा सकता है। भले ही आज भारत कर्ज के बोझ से न दबा हो लेकिन भारत महंगाई के बोझ से जमीन पर चपटा जा रहा है ओर आम आदमी इस समय रो रहा है।
चीन के सहारे पाकिस्तान:-
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति काफी खराब है। पाकिस्तान पर मार्च, 2022 तक 44 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज चढ़ा हुआ है। वही चीन पाकिस्तान को जून, 2022 तक 30 खरब पाकिस्तानी रुपये कर्ज दे चुका है। पाकिस्तान में इस समय महंगाई दर 14 फीसदीं पर है। पाकिस्तान को चीन से वैसे तो काफी मदद मिल रही है। लेकिन एक सत्य यह भी है कि पाकिस्तान की मदद चीन मुफ्त में नही कर रहा है। अगर पाकिस्तान इस कर्ज को लौटाने के लिए कोई सुचारू योजना नही बनाता है तो इसका खामियाजा भी पाकिस्तान को भुगतना पड़ सकता है ओर आने वाले समय मे यह भी हो सकता है कि पाकिस्तान की लगाम चीन के हाँथो में हो।
वही अगर हम बात नेपाल की करें तो 2022 के मध्य में नेपाल का विदेशी मुद्रा भंडार 21.1 फीसदी घटकर 9.28 अरब डॉलर हो गया। सात महीनों में विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 200 करोड़ डॉलर कम हो गए। नेपाल मे महंगाई दर 8.56 फीसदी पहुंची। यहाँ पेट्रोल-डीजल के दाम करीब 200 नेपाली रुपये में है।
Text ExampleDisclaimer : इस न्यूज़ पोर्टल को बेहतर बनाने में सहायता करें और किसी खबर या अंश मे कोई गलती हो या सूचना / तथ्य में कोई कमी हो अथवा कोई कॉपीराइट आपत्ति हो तो वह [email protected] पर सूचित करें। साथ ही साथ पूरी जानकारी तथ्य के साथ दें। जिससे आलेख को सही किया जा सके या हटाया जा सके ।