सम्पादकीय – भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा के पैगम्बर मोहम्मद और उनकी बीवी हजरत आयशा की शादी को लेकर दिये बयान ने भारत से लेकर इस्लामिक देशो में हंगामा मचा दिया है और हर और विद्रोह की आग सुलग रही है। मुस्लिम समाज लगातार भाजपा प्रवक्ता की गिरफ्तारी की माग उठा रहा है और नुपुर शर्मा के विरोध में जगह जगह हिंसक झड़प देंखने को मिल रही है। मुस्लिम देशों में नुपुर शर्मा के बयान के कारण बहिष्कृत आंदोलन छिड़ा है और भारत की चीजो के उपयोग का बहिष्कार करने की मांग उठ रही है।
क्या एक महिला पर अभद्र टिप्पणी करना सिखाते थे पैगम्बर:-
असल मे नुपुर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद और उनकी पत्नी हजरत आयशा की उम्र 6 साल बताकर विवादित बयान दिया और उनके बयान के बाद मुस्लिम समाज एकदम से आग बबूला हो उठा लोग नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग उठाने लगे। भारत समेत खड़ी देशो ने नुपुर शर्मा को लेकर तरह तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी होने लगी। कोई इन्हें सामुहिक बलात्कार की धमकी देने लगा तो कोई इनका सर तन से अलग करने की बात कर रहा है। कही सोशल मीडिया पर बिजली की वायर से नुपुर शर्मा को इंगित करते हुए फांसी पर पुतला लटकाया जा रहा है और दारूल उलूम देबंद की वेबसाइट दारूल इफ्ता की वेबसाइट पर आयशा की उम्र 6 वर्ष लिखी होने के वाबजूद भारत मे एक महिला पर इस प्रकार की अभद्र टिप्पणी हो रही है और भारत सरकार मूक दर्शक बनी उस महिला का अपमान सह रही है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि यह लोग पैगम्बर मोहम्मद के समर्थक हैं और उनके सम्मान के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं तो अब क्या एक महिला के खिलाफ इस प्रकार की आपत्तिजनक टिप्पणी का उपदेश इनको पैगम्बर मोहम्मद ने दिया था।
जो मुस्लिम कर रहे वह पैगम्बर और अल्लाह के संदेश से भिन्न:-
अगर हम मान ले की नुपुर शर्मा ने हदों से आगे बढ़ते हुए किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है तो क्या आज भारत का जो माहौल है मुस्लिम समाज जिस प्रकार नुपुर का विरोध कर रहा है और अपनी आतंकी सोच का परिचय दे रहा है वह क्या मौलिक रुप से अप्रासंगिक है। क्योंकि जिस कुरान की वह बात करते हैं उसमे कहा गया है अल्लाह अपराधियों को भली भांति जानता है और वह अपराध के लिए उन्हें सजा भी देता है क्योंकि अल्लाह एक है और वह एकता का समर्थक हैं। वही अगर हम बात पैगम्बर मोहम्मद की करें तो उन्होंने अपना पहला उपदेश ही एकता से दिया था और कहा था सभी को एकजुट होकर रहना चाहिए और ईश्वर अपने लिए किसी को आहत करने की अनुमति नहीं देता। लेकिन जो मुस्लिम समाज कर रहा है वह वास्तव में पैगम्बर के उपदेश और अल्लाह के संदेश से भिन्न है।
अतीत के नाम पर महिला पर आपत्तिजनक टिप्पणी ओछी सोच का प्रदर्शन:-
वही अगर हम नुपुर शर्मा के बयान पर छिड़ी बहस की बात करे तो आज भारत मे उस समय पर बहस हो रही है जब समाज मे महिला का कोई अस्तित्व नहीं था प्रत्येक व्यक्ति महिला को अपनी सम्पत्ति समझता था और अपने हित हेतु उसका उपयोग करता था। घरों में अक्सर आयशा की उम्र की दुल्हन मिल जाती थी। 1949 में, जिस उम्र में महिलाओं की शादी हो सकती थी, उसे बढ़ाकर 15 साल कर दिया गया। बाद में 1978 में शादी की उम्र 15 से बढ़ाकर 18 कर दी गई। दिसंबर में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
वही अगर हम बात इस समय उठे पैगम्बर मोहम्मद के विवाह मुद्दे की करे तो वास्तव में वह इतनीं बड़ी हिंसा भड़काने की लिए बिल्कुल अनुचित है। क्योंकि जिस दौर में पैगम्बर मोहम्मद थे उस दौर में बाल विवाह होना मुनासिब था और उन्होंने भी एक 6 साल की बच्ची से विवाह किया जिसे मुस्लिम समाज झुठला नहीं सकता। लेकिन उस समय की घटना को लेकर आज को प्रभावित करना और देश का माहौल खराब करना चिंतनीय है। क्योंकि यदि आज भी अतीत के नाम पर एक महिला को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है और उसे मारने की धमकी दी जा रही है तो यह अपकी ओछी सोच का प्रदर्शन कर रही है।
6 वार्षिक आयशा से पैगम्बर की शादी का सच:-
अगर हम इस्लामी विद्वानों की बात करे तो इनकी उम्र को लेकर वह भी संशय में है। अगर हम बात दारूल उलूम देबंद की वेबसाइट दारूल इफ्ता के मुताबिक देखे तो हजरत मुहम्मद साहब से हजरत आयशा की 6 साल की उम्र में हुई थी लेकिन जब उनकी रुखसती हुई तो उनकी उम्र 9 साल कुछ माह की थी। वही अगर हम हदीस की बात करें तो इसके अनुसार जब पैगम्बर मोहम्मद का विवाह आयशा से हुआ था तो उनकी उम्र 6 साल थी जबकि पैगम्बर मोहम्मद की उम्र उस समय 53 वर्ष थी। लेकिन उनकी रुख्सती 9 साल की उम्र में तब हुई जब वह शारीरिक रूप से बालिग हो गईं और रुखसती का यह पैगाम उनकी मां ने ही भिजवाया था। वही भारत मे इस समय पैगम्बर को आयशा के विवाह को लेकर हंगामा मचा हुआ है और नुपुर शर्मा के बयान पर पूरा मुस्लिम समाज बवाल काट रहा है। हालाकि नुपुर शर्मा ने वही बयान दिया जो कि जगह जगह उल्लेखनीय है कि पैगम्बर मोहम्मद ने 6 वार्षिक आयशा से विवाह किया था और 9 साल की उम्र में उनकी रुखसती हुई थी।