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देश– 26 जनवरी 1950 का वो दिन पूरे भारत के लिए गर्व का दिन था। क्योंकि इस भारत का संविधान लागू हुआ था और भारत के प्रत्येक व्यक्ति को कुछ मूलभूत अधिकार दिए गए। यह अधिकार व्यक्ति को स्वतंत्र राज्य में सम्मान के साथ जीना सिखाते थे। 
वहीं हर वर्ष 26 जनवरी के दिन भारत गणतंत्र दिवस मनाता है। इस साल भारत अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। वहीं आज हम आपको संविधान में नागरिकों को मिले मौलिक अधिकारों के विषय मे बताने जा रहे हैं। क्योंकि यह अधिकार भारत के प्रत्येक नागरिक को समान रूप से दिये गए हैं।

समता का अधिकार-

संविधान के अनुच्छेद 14 से 18 में समाता के अधिकार का वर्णन किया गया है। इस अधिकार के मुताबिक भारत मे प्रत्येक व्यक्ति समान है। किसी के साथ जाति धर्म के आधार पर भेदभाव करना अनुचित है। यह अधिकार समाज मे प्रचलित जाति धर्म के नाम पर भेदभाव को खत्म करने के लिए दिया गया था।

स्वतंत्रता का अधिकार-

संविधान के अनुच्छेद 19 से 22 में स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन किया गया है। इस अधिकार के आधार पर प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन से जुड़े निर्णय लेने और अपने मुताबिक अपनी अभिव्यक्ति करने के लिए आजाद है।

धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार-

संविधान के इस अधिकार के मुताबिक कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छा के मुताबिक किसी भी धर्म को मान सकता है और उसका अनुसरण कर सकता है। इस अधिकार का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 में किया गया है।

शिक्षा का अधिकार-

इस अधिकार का वर्णन संविधान के अनुच्छेद 29 से 30 में किया गया है। इसके मुताबिक भारत मे रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा का अधिकार है। चाहें वह किसी भी वर्ग से आता हो। इसके अलावा संविधान के 86 में संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा 21(A) जोड़ा गया, जिसे शिक्षा का अधिकार अधिनियम यानी Right to Education (RTE) कहा जाता है। 

सूचना का अधिकार-

अनुच्छेद 19(1)ए के तहत पारित RTI अधिनियम भारत के किसी भी नागरिक को किसी भी पब्लिक अथॉरिटी से सरकारी सूचना हासिल करने का अधिकार देता है।
भारतीय नागरिक के मौलिक अधिकारों में सूचना का अधिकार अधिनियम ( Right to Education) को 15 जून 2005 को संसद में पारित किया गया था और 12 अक्टूबर 2005 को पूरे देश में लागू किया गया था