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भारत का सबसे ऊंचा बांध – टिहरी बांध, उत्तराखण्ड

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बांध किसी नदी पर बना एक अवरोध होता है जो जल को बहने से रोकता है और एक झील का निर्माण करता है बांध बाढ़ को नियंत्रित करने , सिंचाई, जलविद्युत, पेय जल की आपूर्ति के लिए सहायक होते हैं । भारत में कई छोटे बड़े बांध है।

भारत का सबसे बड़ा(ऊंचा) बांध टिहरी बांध है जो उत्तराखंड राज्य के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है यह बांध भागीरथी और भिलंगना नदियों के संगम पर बना है इसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से भी जाना जाता है टिहरी बांध की ऊंचाई 261 मीटर है जो भारत का सबसे ऊंचा तथा बड़ा बांध है और विश्व का पाँचवा सबसे ऊंचा बांध है और दुनिया का आठवाँ सबसे बड़ा बाँध है।

टिहरी बांध के बारे में प्रमुख तथ्य-

टिहरी जल विधुत परियोजना भागीरथी तथा भिलंगना नदियों के संगम पर टिहरी में स्थित है।

वर्तमान में टिहरी बाँध एशिया का सबसे ऊंचा बाँध है, जिसकी ऊंचाई 260.5 मीटर है , इसकी विशालता के कारण इसे राष्ट्र का गाँव कहा गया है।

टिहरी बाँध की कुल विधुत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है।

टिहरी बाँध की कुल जल धारण क्षमता 354 करोड़ घन मीटर है तथा इसका जलाशय 42 वर्ग किमी में फैला है जिसे स्वामी रामतीर्थ सागर के नाम से जाना जाता है।

टिहरी परियोजना को 1972 में योजना आयोग ने स्वीकृति प्रदान की और 1978 में सिंचाई विभाग द्वारा इसका निर्माण शुरू किया गया, कार्य धीमा होने के कारण 1988 में इसके निर्माण की जिम्मेदारी टिहरी जल बाँध निगम का गठन कर उसको दे दी गयी।

टिहरी बाँध का डिजाईन प्रो. जेम्स ब्रून ने तैयार किया

टिहरी के लोगो ने विस्थापन के चलते टिहरी बाँध का विरोध भी किया , बाँध के विरोध के लिए 1978 में टिहरी में बाँध विरोधी समिती का गठन किया गया।

(ये लेख निखिलेश मिश्रा जी द्वारा लिखा गया है जो कुशल लेखक और जानकार है)
 

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