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हत्या की साजिस का मामला? किसी की हत्या होने पर,या किसी की पीटाई होने पर? बडे चैनलो पर बैठ कर ये कहने वाले लोग,, किसी ने मदद क्यो नही की ,,कोई मदद के लिये आगे क्यो नही आया? वो इस खबर को ध्यान से पढे,, मदद के लिऐ आगे आने वालो के साथ क्या हूआ? रोहिणी कोर्ट के बाहर सडक पर न्यूज कवर कर रही पत्रकार के साथ वकिलो ने पूलिस की मौजूदगी मे,अभ्रद्रता करते हूए की छीना-झपटी, भीड को उकसाकर साजिशन हत्या की कोशिस

नई दिल्ली पत्रकारों के साथ पूरे भारतवर्ष से हमला और हत्या करने के मामले सामने आ रहे हैं पत्रकार देश का चौथा स्तंभ बताया जाता है लेकिन उनके अधिकारों की बात करें तो उनके साथ अभद्रता की सारी सीमाएं पार हो जाती हैं । आख़िर उनको सुने तो सुने कौन?आखिर कार्रवाई करें तो करे कौन?  क्योंकि सत्ताधारी पार्टियों व सरकार के अंदर ऊंचे पदों पर बैठे हुए लोग व अधिवक्तागण उनकी मदद करते हैं। उनका फेवर करते हैं और कार्यवाही नहीं होने देते हैं ? यह एक कड़वी सच्चाई है ? न्यायालय न्याय का मंदिर है जहां लोग इंसाफ की उम्मीद में जाते हैं लेकिन अदालतों में बैठे हुए कुछ अधिवक्ता सत्ताधारी पार्टियों के साथ जुड़े होते हैं और उनके प्रवक्ता तक होते हैं सत्ताधारी पार्टियों के पैनल पर होते ऐसे मे वह अपने प्रोफेशन के साथ भी न्याय नहीं कर पाते हैं । और  कहीं ना कहीं न्याय मांगने गए व्यक्ति के साथ न्याय नहीं हो पाता है । हम माननीय सुप्रीम कोर्ट से भी गुहार लगाते हैं कि जो अधिवक्ता पावर सत्ताधारी पार्टियों से जुड़कर ,पद लेकर उनकी विचारधारा या उनके लिए काम करते हैं । ऐसे लोगों को तो अदालतों में न्याय के मंदिरों में प्रैक्टिस करने का अधिकार नहीं होना चाहिए?‌ उनके सामने एक ही विकल्प होना चाहिए या तो वह अपने प्रोफेशन के साथ समझौता करें या फिर वह पार्टी में रहकर पार्टी की सेवा करें दोनों में से एक को चुनने का हक ही उनको होना चाहिए तभी सही मायने में न्याय के मंदिर कहे जाने वाले न्यायालय से आम आदमी और गरीब से गरीब आदमी को न्याय मिल पाएगा  ? होगा कैसे ? जो असंभव सा लगता है लेकिन इसके लिए बहुत जद्दोजहद और प्रयास करने की आवश्यकता है , तभी देश के न्यायमंदिर पर देश की जनता का भरोसा कायम होगा । 

अब बात करते हैं उस मामले की जो न्याय के मंदिर कहे जाने वाले न्यायालय के बाहर ही एक पत्रकार के साथ अभद्र छीना झपटी की घटना सामने आई है ।जिसने पूरे अधिवक्ताओं को शर्मसार कर दिया है और देश के अधिवक्ताओं की छवि खराब करने का काम भी किया है।
वकिलो की गून्डई का एक ओर नमूना आया सामने ,सडक पर स्टोरी कवर कर रही पत्रकार के साथ गून्डई करते हूऐ की बतमीजी, पत्रकार के साथ बदसलूकी करते हूए,भीड को उकसा कर पत्रकार की षडयन्तर व साजिस के कहत हत्या कराने की नाकामयाब कोशिस  , गीता चाैहान देश की वो हिम्मत वाली पत्रकार है जो अपनी निपक्ष पत्रकारिता के लिये जानी -पहचानी जाती है,  पूरा देश उनकी पत्रकारिता की सराहना करता है , देश की जनता व देश के ज्वनशील मूददो को उठाने वाली मूख्यसम्पादक पर हमला व छीना-झपटी करने वाले वकिलो पर बार ऐसोशियशन रोहिणी ने क्या ऐक्शन लिया इस विषय मे मीडिया को कोई जानकारी नही दी, वही इस बाबत 100 नम्बर पर सूचना दी गई थी, थाने मे लिखित शिकायत भी दी गई थी , पर खबर लिखे जाने तक मामला दर्ज हूआ या नही कोई एफआईआर की  कापी नही दी गई |

पत्रकार के साथ हूई घटना के दाैरान पूलिस माैजूद थी एएसआई सूभाष मेबाईल झपटने वाले आरोपी के साथ किसी की हत्या होने पर,या किसी की पीटाई होने पर? बडे चैनलो पर बैठ कर ये कहने वाले लोग,, किसी ने मदद क्यो नही की ,,कोई मदद के लिये आगे क्यो नही आया? वो इस खबर को ध्यान से पढे,, मदद के लिऐ आगे आने वालो के साथ क्या हूआ ? रोहिणी कोर्ट के बाहर सडक पर न्यूज कवर कर रही पत्रकार के साथ वकिलो ने पूलिस की मौजूदगी मे,अभ्रद्रता करते हूए की छीना-झपटी , छीना झपटी ही नही बल्कि सडक पर स्टोरी कवर कर रही पत्रकार के साथ गून्डई करते हूऐ की  बतमीजी, पत्रकार के साथ बदसलूकी करते हूए,भीड को उकसा कर पत्रकार की षडयन्तर व साजिस के कहत हत्या की कोशिस |

मामला है 21 जून 2021 का जब पत्रकार रोहिणी कोर्ट के बाहर 3 महिलाओ व एक ई- रिक्षा चालक की पिटाई  किये जाने के मामले मे उनसे बातचित कर विडियो स्टोरी कर रही थी, खूद को वकिल बताने वाले वहा माैजूद चंद लोग उनको मोबाईल चोर बता कर पूलिस के सामने ही मार पीट रहे थे | कार पर मीडिया लिखा देख पीडितो ने पत्रकार के पैर पकड कर बात सूनने का अनूरोध किया मदद करने की गूहार लगाई | पत्रकार होने के नाते हमने उनसे पूरी वजह जानी तो उन्होने अपनी बात हमारे सामने रख दी सच्चाई मीडिया के सामने आते देख वहा माैजूद उन चंद वकिला मे भीड को उकसाना शूरू कर दिया और हमारे काम मे बाधा डालते हूऐ पूलिस को लालच देकर हमारे साथ बदसलूकी करनी शूरू कर दी , गीता चाैहान की हत्या कराने के मकसद से भीड को उकसाया ,पत्रकार को घेर लिया गया उसकी आईडी व मोबाईल छीन लिया गया जब मोबाईल से सबूत व विडियो डिलिट कर दिये गये |पत्रकार अपना परिचय पहले ही दे चूकी थी और आईडी मागने पर दिखा दी थी | पर यहा स्वाल यह है की यहा किसी को अधिकार नही था आईडी माँगने का क्योकी वो पब्लिक प्लैस था कोर्ट परिसर नही था जबकि सूपरिम कार्ट मे भी मीडिया लोभी है जहा तमाम पत्रकार वहा पर लोगो की बाईट लेते है | इस पूरे पकरण मे ,षडयन्त्र की बू आ रही है | गीता चाैहान जानी -पहचानी पत्रकार है ,घोताले उजागर करना, अच्छी बूरी सभी प्रकार की खबरे लिखती है वकिलो के अन्दर कोई षडयन्तर कारी माैजूद रहा होगा जिन्होने उनको पहचाकर यह पूरा हमला पत्रकार की भीड से हत्या कराने का षडयन्तर रहा होगा पूलिस को इसे हल्के मे नही लेना चाहिये और झोलाछाप आरोपियो की पहचान कराकर ठोस एक्शन लेना होगा कोर्ट मे माैजूद सीसी टीवी के फूटेज निकाल कर तथा वायरल हो रही विडियो मे दिख रहे चेहरो को अरेस्ट कर बाकी की छानबीन कर सलाखो के पीछे भेजना चाहिये ताकी भविष्य मे किसी के साथ इस प्रकार की घटना ना हो देश की अदालतो मे बैठे बार ऐसोशिएन के पद आझिकारियो को इस पर कार्वाही करते हूए इनके लाईसेस रदद कर देने चाहिये कूछ लोग विडियो मे दिख रहा है बाकी इनकी गिरफ्तारी पर सामने आ जायेगे और सामने आने पर उनकी पहचान पत्रकार कर सकती है