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इतिहास| कोई भी देश अगर हारता है या उसपर कोई अन्य देश आक्रमण करता है या उसे अपना गुलाम बनाता है तो उसमें सबसे अमुख भूमिका अगर कोई निभाता है तो वो है उस देश मे रहकर उस देश का खाकर उस देश के साथ दोगला व्यवहार करने वाले गद्दार। भारत का भी कुछ ऐसा ही इतिहास है भारत में ऐसे ऐसे महारथी रहे हैं जिन्हें परास्त करना किसी भी विदेशी शक्ति के वश में नहीं था लेकिन भारत के कुछ गद्दारों ने पैसे और अपने स्वार्थ के लिए भारत के साथ गद्दारी की और भारत को विदेशी शक्तियों के अधीन कर दिया है। इतिहास में इन द्रोहियों का नाम खूब चर्चित है लेकिन आपने भारत के सभी गद्दारों के नाम नहीं सुने होंगे। इसलिए आज हम इस आर्टिकल में आपको बताएंगे भारत के उन गद्दारों के बारे में जिन्होंने अपने लाभ के लिए भारत को बेचने तक की योजना बना ली।

जयचंद:-

इतिहास में जयचंद का नाम खूब प्रख्यात है। कहा जाता है की जयचंद ने अपने हित के लिए देश को बेच दिया था। वही उस समय पृथ्वीराज चौहान का पराक्रम पूरे भारत मे था हर कोई उनकी सराहना करता था। मोहम्मद गौरी ने कई वार भारत पर आक्रमण किया लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुआ। वही जयचंद पृथ्वीराज से ईर्ष्या करते थे उन्होंने पृथ्वीराज को हराने के लिए भारत से गद्दारी की ओर मोहम्मद गौरी से हाँथ मिलाया। जिसके बाद 1192 में हए पानीपत के युद्ध मे पृथ्वीराज को मोहम्मद गौरी से हारना पड़ा।

मीर जाफर:-

यह वही व्यक्ति है जिसके कारण भारत को अंग्रेजी हुकूमत के सामने घुटने टेकने पड़े और भारत ने ब्रिटिश शासन की गुलामी की। इसने अपने स्वार्थ ओर 1757 के युद्ध मे सिराजुद्दौला को परास्त करने के लिए अंग्रेजों की खूब मदद की और अंग्रेजों को हाँथो की कठपुतली बना रहा।

मीर कासिम:- 

अंग्रेजों में अपने रास्ते से मीर जाफर का पत्ता साफ करने के लिए मीर कासिम का इस्तेमाल किया। कासिम को अंग्रेजों के समर्थन से राजगद्दी तो मिल गई लेकिन वह खुलकर हुकूमत नहीं कर पाया। फिर एक वक्त आया तो उसे अपनी गलती का एहसास हुआ लेकिन तब सब बिखर चुका था।

मान सिंह:- 

हिन्दू ह्रदय सम्राट महाराणा प्रताप को कौन नहीं जनता यह भारत के एकमात्र योद्धा थे जिन्होंने मुगलों के सामने झुकना और उनकी गुलामी करना कभी नहीं स्वीकार किया। लेकिन मान सिंह ने अपने स्वार्थ हेतु खुद को मुगलों के लिए समर्पित किया और राणाप्रताप को धोखा दिया। इसकी ग़द्दारी के चलते देश मे मुगलों का आधिपत्य स्थापित हुआ।

मीर सादिक:-

कहते हैं जब कोई अपना दुश्मन के साथ मिल जाए तो हम कभी भी नहीं जीत सकते। भारत जब जब हार या गुलाम बना उसके पीछे सबसे बड़ा कारण रहा भारत के अपनो द्वारा किया गया विश्वासघात। यही विश्वासघात टीपू सुल्तान को झेलना पड़ा जिसके चलते उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मीर सादिक जो की टीपू सुल्तान का करीबी मंत्री था। 1779 के युद्ध से पूर्व इसने अंग्रेजों से हाँथ मिला लिया और टीपू सुल्तान को धोखा दिया। जिसके फलस्वरूप इस युद्ध में टीपू सुलतान को अंग्रेजो ने हरा दिया और भारत को एक बार फिर अपनो के छल के चलते हार का मुह देखना पड़ा।