देश– भारत का संविधान अलग अलग देशों के संविधान से मिलकर बना है। संविधान निर्माताओं ने देश के प्रत्येक नागरिक को कुछ मूल अधिकार देने हेतु और समाज मे समाता लाने के लिए संविधान का निर्माण किया और देश को सुनिश्चित व नियमबद्ध तरीक़े से चलाने के लिए लोगो को कुछ अधिकार व कर्तव्य दिये।
वही आज यानी 26 नवम्बर को हम संविधान दिवस मना रहे हैं। आज के दिन संविधान बनकर तैयार हो गया था और आज संविधान सभा की आखिरी बैठक हुई थी। वही 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया था। आज हम संविधान दिवस के दिन संविधान से जुड़े कुछ मूल तत्वों के विषय मे जानेंगे जो अन्य देशों से लिए गए हैं।
संविधान का निर्माण 10 देशों के संविधान से मिलकर हुआ है। संविधान में मौलिक अधिकार, निर्वाचित राष्ट्रपति और उस पर महाभियोग, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात, न्यायपालिका की स्वतंत्रता का कॉन्सेप्ट संयुक्त राष्ट्र अमेरिका से लिया गया है।
संविधान में संसद की शासन प्रणाली, नागरिकता और विधि निर्माण प्रक्रिया, मंत्रिमंडल प्रणाली को ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है। नीति निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में अन्य क्षेत्र के दिग्गजों जैसे कला, साहित्य, विज्ञान, खेल आदि के दिग्गजों को नियुक्त करना आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
केंद्र और राज्य के बीच संबंध और शक्तियों का विभाजन, प्रस्तावना की भाषा, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक का कॉन्सेप्ट ऑस्ट्रेलिया से लिया गया है।आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति के मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां, आपातकाल के वक्त किन मूल अधिकारों को परिवर्तित होगा यह जर्मनी से लिया गया है।
संविधान संशोधन की प्रक्रिया प्रावधान, राज्यसभा सदस्यों का निर्वाचन दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिया गया है।केंद्र द्वारा राज्यपाल की नियुक्ति, उच्च न्यायालय का परामर्श, अहम शक्तियां केंद्र के पास रहे यह कनाडा के संविधान से लिया गया है। मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान सोवियत संघ से लिया गया था।
विधि द्वारा संविधान को स्थापित करने की प्रक्रिया जापान से ली गई।गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता, बंधुता के आदर्श का सिद्धांत फ्रांस से लिया गया है।