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सम्पादकीय:- हमने अपने बचपन से ताजमहल की कहानियां सुनी है यह कहानियां ऐसी है जिन्हें हमे हमारे अपनो ने बड़े चाहो से सुनाई है। वह अक्सर शाहजहां का नाम लेकर मुस्कुरा देते थे और कहते थे कि उसके जैसा प्रेम किसी ने नहीं किया उसने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया वह अपनी पत्नी से बेहद प्रेम करता था और हम बचपन से ही ताजमहल को प्रेम का प्रतीक मानने लगते हैं।

हम सब भी यही कहते हैं कि मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में ताज का निर्माण करवाया था। लेकिन इसके पीछे के रहस्य को कोई नहीं जानता कि वास्तव में दुनिया का सातवां अजूबा कहा जाने वाला ताजमहल ताज है या तेजोमहालय है। क्योंकि इस समय दुनिया का सातवां अजूबा विवादों की बेंडियो में जकड़ा हुआ है और हिन्दू मुस्लिम के तार्किक जाल में फंसता जा रहा है। 

ताजमहल या तेजोमहालय:-

एक ओर जहां मुस्लिम इसे प्रेम की निशानी बता रहे हैं वही हिन्दू इसे तेजोमहालय कह रहे हैं और इसके पीछे हिंदू धर्म के पुराने इतिहास को जोड़ रहे हैं। अभी हाल ही में आचार्य परमहंस ने इस प्रेम प्रतीक कहे जाने वाले ताजमहल को तेजोमहालय बताते हुए भूमिपूजन करना चाहा था हालाकि उन्हें रोक दिया गया था और ताज की सुरक्षा भी बड़ा दी गई थी लेकिन अब यह विवाद एक अलग ही रूप लिए है और हिंदुओं का कहना है कि जिस दिन ताजमहल के 22 दरवाजों को खोल दिया जाएगा मुस्लिम का मुह बन्द हो जाएगा क्योंकि ताज के अंदर हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियां है जिन्हें छुपाया जा रहा है।

जाने कब खुले थे ताज के 22 दरवाजे:- 

आज हर कोई ताज के 22 दरवाजो के पीछे छुपे रहस्यमयी सच को जानना चाहता है। लोगो के मन मे सवाल है कि आखिर ताजमहल के 22 दरवाजों के पीछे की कहानी क्या है। आखिर क्यों ताजमहल के यह 22 दरबाजे बन्द पड़े हुए हैं। वही अब इस बीच जानकारों का कहना है की आज से 88 वर्ष पूर्व 1934 में ताजमहल के 22 दरवाजों को खोला गया था। लेकिन इन 22 कमरों में क्या है इसका खुलासा अब तक नहीं हुआ है। 
हालांकि अब ताजमहल के 22 दरवाजों के पीछे छुपे रहस्य को जानने के लिए एक जांच कमेटी गठित करने की मांग की गई है और इसके दरवाज़ों को खोलने के संदर्भ में एक याचिका दायर की गई है। लोगो का कहना है कि अगर ताजमहल के 22 दरवाजे खुले गए तो कई अनजाने रहस्यमयी सच खुलकर सामने आ जाएंगे और हिन्दू और मुस्लिमों द्वारा किए जा रहे दावों का राज खुल जाएगा। बता दें ताजमहल के बंद इन 22 कमरों को खोलने और वीडियोग्राफी कराने की एक याचिका आगरा न्यायालय में भी लंबित है।

जाने क्या है ताज महल विवाद:-

रजनीश सिंह के वकील रूद्र विक्रमसिंह ने यह दावा किया है कि 1600 ईसवीं में आए तमाम यात्रियों ने अपने यात्रा वृत्तांत में मानसिंह के महल के बारे में बताया है। याचिका में अयोध्या के जगद्गुरु आचार्य परमहंस के भगवा वस्त्र धारण करके ताजमहल में भूमिपूजन के विवाद का भी हवाला दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि यदि ताजमहल के 22 बंद कमरों को खोलने का निर्देश न्यायालय देता और जांच कमेटी के गहनता से अध्ययन करती है तो ताजमहल के संबंध हो रही राजनीति और सभी विवाद अपने आप सुलझ जाएंगे और यहां हिन्दू इतिहास से जुड़े कई रहस्यों का खुलासा होगा।