देश– बढ़ती जनसंख्या देश के लिये बड़ा खतरा बनती जा रही है। जब से संयुक्त राष्ट्र ने यह घोषणा की है कि आगामी समय मे भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो जाएगी। देश मे जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग तेजी से उठने लगी है।
आरएसएस बार बार यह मुद्दा उठा रही है कि बढ़ती जनसंख्या देश के लिए खतरा है। जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए और उसका सख्ती से पालन करवाने हेतु कदम भी उठाये जाने चाहिए। लेकिन एक बात सभी के मन मे खटक रही है कि हिन्दू की पैरवी करने वाली आरएसएस आज कल जनसंख्या नियंत्रण कानून पर इतना फोकस क्यों कर रही है।
वही जब इस बात की तह को खंगाला गया तो इसका जवाब आरएसएस के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबा के बयान से मिल गया उन्होंने कहा कि देश में कन्वर्जन और कम प्रजनन की वजह से हिंदू आबादी लगातार कम हो रही। यह वास्तव में चिंता का विषय है।
जाने क्यों जनसंख्या नियंत्रण कानून पर फोकस कर रही आरएसएस-
आरएसएस का कहना है कि देश में बढ़ती जनसंख्या देश के विकास के लिए बाधा साबित हो सकती है। इसका प्रभाव देश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा। वही अगर हम वर्तमान परिपेक्ष्य की बात करे तो आंकड़ों के लिहाज से अभी भारत की आबादी 140 करोड़ है जो 2050 तक 166 करोड़ होने का अनुमान है।
यदि हम हिन्दू मुस्लिम की बढ़ती हुई आबादी का जिक्र करे। तो साल 2011 के आकड़ो के मुताबिक भारत मे हिंदू आबादी में महज 20% बढ़ोतरी हुई, जबकि मुस्लिम आबादी 36% तक बढ़ी है। आंकड़े से स्पष्ट है कि बढ़ती आबादी हिंदूओ के लिए भी खतरा है और देश के लिये भी।
2011 में हुई जनगणना के मुताबिक देश की जनसंख्या 120 करोड़ थी वर्तमान में यह आंकड़ा 140 करोड़ तक पहुंच गया है। वही अगर हम बीते आकड़ो को प्रतिशत में समझे तो मुस्लिम की आबादी में बीते वर्षों में 4 फीसदी की वृद्धि हुई है। जबकि हिंदूओ की आबादी इसी अनुपात में कम हुई है।
आरएसएस बार बार जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की बात कह रही है। इसके पीछे कही न कही एक कारण यह भी है कि देश मे हिन्दू समाज की आबादी कम हो रही है और मुस्लिम आबादी में तेजी से बढ़ोतरी देंखने को मिल रही है।