डेस्क। योगी सरकार में पांच साल तक कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य बड़े आत्मविश्वास के साथ बीजेपी छोड़कर सपा में शामिल हुए थे और भाजपा को हराने के बड़े बड़े दावे भी किये थे। भाजपा तो फिर से सत्ता में वापस लौट आई लेकिन खुद को नेवला बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को करारी हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि उनके साथ ही भाजपा छोड़कर साइकिल पर सवार हुए धर्म सिंह सैनी भी शिकस्त खा चुके है। हालांकि बीजेपी से आए तीसरे मंत्री दारा सिंह चौहान जीत गए हैं।
प्रसपा से भाजपा में गए हरिओम यादव भी चुनाव हार चुकें हैं। बता दें कि विनय शंकर तिवारी भी इस बार बसपा छोड़कर सपा के टिकट से चिल्लूपार से चुनाव लड़े और हार गए। अवतार सिंह भड़ाना ने भी चुनावों से पहले भाजपा का दामन छोड़ सपा-आरएलडी गठबंधन का दामन थाम लिया था और जेवर से चुनाव लड़ा लेकिन भाजपा के हाथों हार ही मिली।
कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल हुईं सुप्रिया ऐरन बरेली की कैंट विधानसभा सीट से हार गईं हैं। भाजपा से सपा में आई सुभावती शुक्ला गोरखपुर शहर से चुनाव हार गईं हैं।
इन नेताओं ने दिखाया अपना दम-
कमल छोड़ दारा सिंह चौहान भी साइकिल पर सवार हुए और साथ ही घोसी से विधानसभा सीट जीत गए। कांग्रेस से भाजपा में आईं अदिति सिंह जीत गईं। बसपा छोड़कर सपा में शामिल हुए लालजी वर्मा अंबेडकरनगर की कटेहरी सीट से चुनाव जीतें। रामअचल राजभर भी जीत गए यूपी चुनाव।