नीलेश मिसरा: गांव कनेक्शन से ग्लोबल स्टार तक का सफ़र!
क्या आप जानते हैं एक ऐसे शख्स के बारे में जिन्होंने पत्रकारिता, लेखन और अब कहानी सुनाने की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है? हम बात कर रहे हैं नीलेश मिसरा की, जिनकी ज़िंदगी साधारण गांव से निकलकर एक ग्लोबल स्टार बनने की कहानी है! इस लेख में, हम नीलेश के जीवन के रोमांचक पहलुओं पर एक नज़र डालेंगे, उन चुनौतियों के बारे में जानेंगे, जिनसे उन्होंने जूझा, और उन उपलब्धियों के बारे में जो उन्होंने हासिल कीं। क्या आपको भी लगता है कि "गांव कनेक्शन" आज की दुनिया में कितना महत्वपूर्ण है?
गांव कनेक्शन: नीलेश मिसरा की जीवन यात्रा का आधार
नीलेश का जीवन गांव से गहराई से जुड़ा है। उनका मानना है कि गांव की सरलता और जीवन की वास्तविकता ने उन्हें एक अलग नज़रिया दिया है। शहर के रोज़मर्रा के जीवन से दूर, उन्होंने गांव के दिलों में उतरकर कई कहानियों को लिखा, गीतों को गाया, और अब वे बच्चों के लिए किताबें लिख रहे हैं। उनका मानना है कि गांव की ज़मीन पर पले-बढ़े कलाकारों को एक अलग गहराई मिलती है। क्या आप भी सहमत हैं? नीलेश बताते हैं कि उनका "गांव कनेक्शन" इतना स्लो क्यों है? कैसे उन्होंने शहर की चकाचौंध छोड़कर, अपनी पहचान बनाई। इस दौरान उन्होंने अपने स्लो इंटरव्यू के जरिए लोगों की वास्तविक भावनाओं को दर्शाया है। एक फेल ऑन्त्रप्रिन्यॉर से लेकर एक सफल लेखक तक की यह अनोखी कहानी आपको भी प्रेरित करेगी। नीलेश कहते हैं, "जीवन में अगर रूटेड बनें, सेंटिमेंटल रहे, उसे जाने न दें तो बेहतर रहेगा"। एक बेहतरीन संदेश है, है न?
शहर की रफ्तार बनाम गांव की रफ्तार
गोवा में अपने परिवार के साथ समय बिताने के अपने अनुभवों को साझा करते हुए, नीलेश बताते हैं कि कैसे आज के समय में, बच्चों का प्राकृतिक वातावरण में पलना कितना जरूरी है। उनके अनुसार, शहरों के हरियाली वाले वातावरण में बच्चे के मानसिक विकास को काफी मदद मिलती है। नीलेश "गांव कनेक्शन" के ज़रिए समाज के हर वर्ग को जोड़ने और उन्हें सशक्त बनाने की बात करते है।
एक पत्रकार से लेखक तक का सफ़र
अपने शुरुआती दिनों में, नीलेश ने एक पत्रकार के रूप में तेज़ी से काम किया। हालांकि, अब उन्होंने अपनी गति को धीमा कर लिया है, एक औरत की स्लो स्टोरीटेलिंग की तरह। क्यों? क्योंकि वह गांव के भावों और कहानियों पर धीरे-धीरे और गहराई से काम करना चाहता है। नीलेश की अपनी कहानियां ही यह सिद्ध करती है की स्लो और स्टेडी जीत जाती है। अपनी लम्बी यात्रा में उन्होंने पत्रकारिता से, यूट्यूब चैनल बनाने तक और अब कहानियों को सुनाने तक का सफर तय किया है। उनकी पसंद धीमे-धीमे चलकर सबको आकर्षित करने की रही है। उन्होंने रिपोर्टिंग और यूथ कवर किए हैं और फिर भी, स्लो स्टोरीटेलिंग पर क्यों आ गए ? क्योंकि स्लो कहानियाँ दिल को छूती हैं और वास्तव में लोगों से जुड़ती हैं।
अंग्रेज़ी से हिंदी की ओर
नीलेश ने अपने करियर के शुरुआती दौर में अंग्रेज़ी में काम किया था, लेकिन बाद में उन्होंने हिंदी को चुना। वे बताते हैं कि कैसे अपने घर वालों के लिए यह सब "सिरफिरापन" सा था, मगर अब उन्हे कितना गर्व है। उनका जीवन आज कई युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपने को साकार करना चाहते हैं।
परिवार: प्रेरणा का स्रोत
नीलेश अपनी बेटी वैदेही को भी कहानियों से जोड़ते हैं, उनकी वजह से उन्होंने बच्चों के लिए लेखन का रास्ता चुना है। वैदेही ने 6 साल की उम्र में एक पॉडकास्ट भी बनाया। एक पिता के रूप में नीलेश के तरीके वाकई काबिले तारीफ़ हैं। उनका पेरेंटिंग बेहद अनोखा और दिल को छूने वाला है। उनका मानना है कि अच्छी भाषा का प्रयोग , बच्चे के गिर जाने पर तुरंत उसे उठाने की जल्दबाजी ना करना , और कहानियों से जुड़े रहना , पेरेंटिंग के अच्छे नुस्खे है।
पॉडकास्ट और किताबें
वैदेही के साथ मिलकर नीलेश न केवल पॉडकास्ट बनाते हैं बल्कि कई किताबें भी लिख रहे हैं, जो बच्चों में काफी प्रचलित हो रही है। अपनी प्रतिभा और लगन से वे बच्चों को नैतिक कहानियों के माध्यम से समाज में नई जागरूकता बिखेर रहे हैं।
एक्टिंग और गीतकार: अनकही ख्वाहिशें
नीलेश एक अच्छे एक्टर बनने की ख्वाहिश रखते हैं, और उन्होंने इस क्षेत्र में भी काम किया है। साथ ही, वह बचपन से ही गीतकार बनने का सपना देखते थे। हालांकि, उन्होंने इस क्षेत्र में काम करना शुरू कर दिया है । वह अपने अनुभवों को साजा करके दिलचस्प कहानियां बनाते हैं।
छोटे शहरों और गांवों का टैलेंट
नीलेश का मानना है कि छोटे शहरों और गांवों में बहुत सारे प्रतिभावान लोग हैं, जिन्हें मौका नहीं मिल पाता। वह इन प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं, यह भी उनकी पहचान बना चुकी है। उनके साक्षात्कार बेहद रचनात्मक और जीवंत होते हैं।
Take Away Points
- नीलेश मिसरा एक ऐसे व्यक्ति की प्रेरणादायक कहानी है, जिन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए दृढ़ता से काम किया है।
- "गांव कनेक्शन" उनका जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है, जिससे उन्हें एक अलग नज़रिया मिला है।
- उनका बच्चों के लिए लेखन कार्य बेहद सराहनीय है।
- उनका मानना है कि छोटे शहरों और गांवों के प्रतिभाशाली लोगों को आगे आने के अवसर मिलने चाहिए।