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मनोरंजन;- लोकप्रियत एक्ट्रेस स्वरा भास्कर की शादी पर बवाल जारी है। हिन्दू संगठन के लोग उनको लेकर विचित्र टिप्पणी कर रहे हैं। कोई उनकी शादी को लव जिहाद से जोड़ रहा है। तो कोई उन्हें श्रद्धा मर्डर केस की याद दिला रहा है। 

लोगों की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि आज समाज मे शादी करना गुनाह नहीं है। लेकिन यदि कोई स्त्री किसी मुस्लिम पुरुष से शादी करले तो उसने मानो गुनाह कर दिया है। क्योंकि आज देश किसी को मानवता की नजर से नही देखता है। बल्कि देश लोगों को हिन्दू-मुस्लिम की नजर से देखता है।
स्वरा भास्कर की शादी के सुर्खियों में होने का सबसे अमुख कारण यह है कि उनके पति समाजवादी पार्टी के नेता फहाद अहमद हैं। दोनों ने कोर्ट मैरिज की है, दोनों काफी खुश हैं। लेकिन उनके विवाह से हिन्दू समाज खुश नहीं लग रहा है। हिन्दू रक्षक स्वरा भास्कर पर टिप्पणी करते वक़्त मानवता की सभी हदें लांघ गए हैं। 
सोशल मीडिया पर स्वरा भास्कर को लेकर जिस प्रकार के मत सामने आ रहे हैं। उसमें कहीं भी शांति, सद्भावना और मानवता का भाव नहीं दिख रहा। क्योंकि प्रत्येक टिप्पणी हिंसा और नफरत के धुएं से भरी हुई है। लोगों का दावा है स्वरा भास्कर की स्थिति आगामी समय मे श्रद्धा की तरह होगी।
वहीं अब इस मामले में विश्व हिंदू परिषद नेता साध्वी प्राची की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, स्वरा पहले ही हिंदू विरोधी बयान देती रही हैं। अब उन्होंने फहाद अहमद संग शादी करके यह साबित कर दिया है कि वह हिंदू विरोधी हैं। शायद उन्होंने श्रद्धा के शव के टुकड़े फ्रिज और सूटकेस में रखे हुए नहीं देखे।
अगर स्वरा ये देख लेती तो शायद वो शादी नहीं करती। पता नहीं कब स्वरा के साथ भी ऐसी ही घटना हो जाए। साथ ही साध्वी प्राची ने यह भी कहा कि जल्द ही मीडिया को उनके तलाक की खबर मिलेगी।

बयानों के क्या हैं मायने-

बयानों को अगर हम तार्किक रूप से देखें तो यह सभी बयान हिंदू मुस्लिम विवाद को हवा देते नजर आ रहे हैं। ऐसे बयान मनावता का परिचय न देकर विरोध का समर्थन करते हैं। वहीं बार-बार स्वरा भास्कर की शादी को श्रद्धा के केस से जोड़ना निंदनीय है। क्योंकि इससे आप एक समुदाय विशेष के लोगों को टारगेट करते हैं। जबकि समाज में कई केस ऐसे भी हुए हैं जिनमे अपराधी हिन्दू है। महिला के साथ हिंसा हिन्दू द्वारा की गई है। उसका बेरहमी से कत्ल हिन्दू ने किया है।

केस जिनमे हिन्दू द्वारा हुआ महिला पर अत्याचार- निक्की यादव मर्डर केस- अपराधी साहिल गहलोत।

अब सवाल यह उठता है कि आप किसी के धर्म को देखकर उसे आतंकी और अपराधी कैसे कह सकते हैं। संविधान में आपको यह अधिकार दिया गया है कि आप धर्म के नाम पर लोगों के मन मे भय पैदा करें।