लाइफ: स्त्री को पुरूष अपनी जरूरत का सामान समझता है। पुरूष को लगता है स्त्री सिर्फ उसके भोग की वस्तु है। स्त्री का जन्म पुरुष की शरीरिक अभिलाषा को शान्त करने के लिए हुआ है। लेकिन आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) ने चाणक्य ग्रंथ(Chanakya granth) में कुछ ऐसे पुरुषों का वर्णन किया है। जो स्त्री को भोग की वस्तु नहीं समझते हैं।
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