International Women's Day 2023:- भारतीय संविधान में महिलाओं को मिले हैं यह पांच अधिकार

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International Women's Day 2023:- भारतीय संविधान में महिलाओं को मिले हैं यह पांच अधिकार

International Women's Day 2023:- भारतीय संविधान में महिलाओं को मिले हैं यह पांच अधिकार


International Women's Day 2023:- हर वर्ष 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। हर जगह महिलाओं के हक की बात होती है। लोग छोटे-छोटे कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को उनके अधिकार दिलाने की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। 

लेकिन आज भी समाज मे महिलाओं को पुरूष के बराबरी के अधिकार नहीं प्राप्त हैं। समाज मे एक वर्ग ऐसा है जो आज भी महिलाओं के साथ दोहरा व्यवहार करता है। उसे अपने जीवन के निर्णय लेने का हक नहीं देता और अपने नियम महिलाओं पर थोपता है।
वहीं आज हम आपको महिलाओं के उन अधिकारों के विषय में बताने जा रहे हैं। जो भारतीय संविधान में महिलाओं को दिए गए हैं और महिलाएं अपने अधिकार के आधार पर अपने हक की लड़ाई लड़ सकती हैं।

वेतन का अधिकार-

भारतीय संविधान में महिलाओं को समान वेतन का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार के मुताबिक यदि महिला और पुरुष किसी दफ्तर में समान काम करते हैं। तो उन्हें उस काम के लिए समान वेतन दिया जाएगा। उनके साथ परिश्रम को लेकर किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाएगा।

नाम और पहचान की गोपनीयता: 

आपने अक्सर देखा होगा की जब किसी महिला के साथ दोहरा व्यवहार होता है। उसका शोषण होता है। यह उसके साथ कोई व्यक्ति जबर्दस्ती करता है। तो उसका नाम गोपनीय रखा जाता है। यह अधिकार महिला को संविधान में दिया गया है। संविधान के मुताबिक महिला अपना बयान किसी महिला पुलिस अधिकारी की मौजूदगी में दर्ज कराने का अधिकार रखती है। वो चाहे तो सीधे जिलाधिकारी के सामने भी शिकायत दर्ज करा सकती है। वहीं उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी।

मातृत्व लाभ- 

भारतीय संविधान में महिलाओं को यह हक दिया गया है। इसके अंतर्गत नौकरी पेशा महिलाओं को मातृत्व का लाभ पाने का अधिकार दिया गया है। मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत प्रसव के पहले से लेकर बच्‍चे के जन्‍म के बाद तक महिलाएं 6 महीने की छुट्टी ले सकती हैं। इस दौरान महिलाओं के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी।

मुफ्त कानूनी मदद-

संविधान के मुताबिक महिला को मुफ्त कानूनी मदद मिलेगी। वह जब चाहें महिला कॉन्स्टेबल को मदद ले सकती है। वहीं अदालत में महिला का केस निःशुल लड़ा जाएगा।

रात में गिरफ्तारी नहीं- 

संविधान के नियमों के मुताबिक भारत मे किसी भी महिला की गिरफ्तारी दिन के उजाले में होगी। यदि महिला ने कोई गम्भीर अपराध किया है तो भी उसकी गिरफ्तारी रात में नहीं होगी।

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