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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की त्वचा में होने वाले बदलाव बेहद आम हैं. हार्मोनल परिवर्तन त्वचा को अत्यधिक संवेदनशील बना देते हैं, जिससे कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. क्या आप जानती हैं कि गर्भावस्था में त्वचा संबंधी 5 आम समस्याएं क्या हैं? इस लेख में हम इन समस्याओं के बारे में विस्तार से जानेंगे, ताकि आप गर्भावस्था के दौरान अपनी त्वचा की बेहतर देखभाल कर सकें.

गर्भावस्था के दौरान त्वचा संबंधी 5 प्रमुख समस्याएँ

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की त्वचा में होने वाले परिवर्तनों के पीछे हार्मोनल बदलाव सबसे बड़ा कारण हैं. ये बदलाव पिगमेंटेशन, मुंहासे, स्ट्रेच मार्क्स, PUPPP (Pruritic Urticarial Papules and Plaques of Pregnancy) और स्पाइडर वेन्स जैसी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं. आइए इन समस्याओं पर विस्तार से नज़र डालते हैं:

1. हाइपरपिग्मेंटेशन (Melasma या मास्क ऑफ प्रेग्नेंसी):

गर्भावस्था के दौरान त्वचा का अधिक संवेदनशील होना 'मेलास्मा' नामक समस्या को जन्म दे सकता है, जिसे 'मास्क ऑफ प्रेग्नेंसी' भी कहा जाता है. इसमें चेहरे पर, विशेष रूप से गालों, माथे और ऊपरी होंठ पर काले धब्बे दिखाई देते हैं. प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन जैसे हार्मोन्स में वृद्धि से मेलेनिन का उत्पादन बढ़ता है, जिससे यह समस्या उत्पन्न होती है. इस समस्या से निपटने के लिए सनस्क्रीन का प्रयोग करें और धूप से बचें. त्वचा विशेषज्ञ की सलाह भी लेना उचित होगा.

2. स्ट्रेच मार्क्स (Stretch Marks):

गर्भावस्था के दौरान पेट के आकार में तेजी से वृद्धि होने के कारण त्वचा खिंचती है जिसके परिणामस्वरूप स्ट्रेच मार्क्स बन जाते हैं. ये लाल या बैंगनी रंग की रेखाएँ होती हैं जो ज्यादातर पेट, जांघों और स्तनों पर दिखाई देती हैं. स्ट्रेच मार्क्स को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता लेकिन नियमित मालिश, मॉइस्चराइजिंग, और हेल्दी डाइट से इनकी दिखावट को कम किया जा सकता है. नारियल तेल या जैतून तेल से नियमित मालिश करने से राहत मिल सकती है.

3. मुहांसे (Acne):

गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल परिवर्तन से सीबम (त्वचा का तेल) का उत्पादन बढ़ सकता है जिससे मुहांसे हो सकते हैं. मुहांसों से बचने के लिए गैर-कॉमेडोजेनिक (non-comedogenic) उत्पादों का इस्तेमाल करें जो त्वचा के रोम छिद्रों को बंद न करें. साथ ही, संतुलित आहार और त्वचा की अच्छी सफ़ाई करना ज़रूरी है. ध्यान रखें कि कई ओवर-द-काउंटर दवाएँ गर्भावस्था के दौरान इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित नहीं होती हैं, इसलिए उपयोग से पहले डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें.

4. PUPPP (Pruritic Urticarial Papules and Plaques of Pregnancy):

यह एक बेहद खुजली वाली त्वचा की बीमारी है जो आमतौर पर पेट से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों तक फैल जाती है. इसमें छोटे, गुलाबी या लाल रंग के चकत्ते दिखाई देते हैं जो बेहद खुजली वाले होते हैं. PUPPP आम तौर पर बच्चे के जन्म के बाद ठीक हो जाती है. यदि आपको PUPPP है, तो त्वचा विशेषज्ञ से तुरंत सलाह लें, खासकर अगर आपको तेज खुजली महसूस हो रही है. ठंडा स्नान, हल्के कपड़े पहनना और खुजली रोकने वाली क्रीम का प्रयोग थोड़ी राहत दे सकता है.

5. स्पाइडर वेन्स (Spider Veins):

गर्भावस्था के दौरान रक्त की मात्रा बढ़ने और हार्मोनल परिवर्तनों के कारण त्वचा की सतह पर छोटी, लाल रंग की नसें दिखाई दे सकती हैं, जिन्हें स्पाइडर वेन्स कहा जाता है. यह समस्या आम तौर पर बच्चे के जन्म के बाद खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन अगर आपको इस समस्या से परेशानी हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा.

गर्भावस्था में त्वचा की देखभाल के लिए टिप्स

  • धूप से बचें और हर रोज़ सनस्क्रीन (SPF 30 या उससे ज़्यादा) लगाएँ.
  • हाइड्रेटेड रहें, ढेर सारा पानी पिएँ.
  • संतुलित और पौष्टिक आहार लें.
  • धीरे-धीरे स्क्रबिंग करें ताकि त्वचा को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुँचे.
  • मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें ताकि त्वचा हाइड्रेटेड रहे.
  • ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें.
  • अपनी त्वचा को खुजली या किसी भी असामान्य परिवर्तन के लिए निगरानी में रखें और समस्या होने पर जल्द ही डॉक्टर से सलाह लें.

Take Away Points

गर्भावस्था में त्वचा की समस्याएं सामान्य हैं. स्वस्थ आहार, अच्छी त्वचा देखभाल और डॉक्टर से परामर्श आपको अपनी त्वचा की देखभाल में सहायता करेगा. तेज खुजली, ज्यादा जलन, या असामान्य परिवर्तन के मामले में डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।