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अकेलेपन की बेड़ियों ने पुरुषों को जकड़ा

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तनाव, अकेलापन लोगों को दिमक की भांति खाने लगा है। हर चौथे व्यक्ति के मन में भावनाओं का बवंडर उठा है लेकिन उसके भावों को समझने के लिए उसके आसपास कोई नहीं है। अकेलपन ने समाज के युवा, बूढ़े, बच्चे सभी को अपनी गिरफ्त में ले रखा है। लोग इसके चलते अपना जीवन जीना भूल गए हैं और अवसाद का शिकार हो रहे हैं। 

अकेलपन के संदर्भ में ग्लोबल स्टेट ऑफ़ सोशल कनेक्शन 2023 की रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है अकेलापन लोगों को अपनी गिरफ्त में तेजी से ले रहा है। लोग आज न सुख से जी पा रहे हैं न अपने मन की व्यथा किसी से कह पा रहे हैं। दुनिया में 49 फीसदी लोग ऐसे हैं जो अकेलेपन से परेशान हैं। वही 65 फीसदी लोग स्वयं को किसी न किसी से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं। हालांकि यह लोग अपने मन की बात अपनों से कह पाते हैं यह कहना संभव नहीं है। 

कितने लोगों पर हुआ सर्वे: 

 ग्लोबल स्टेट ऑफ़ सोशल कनेक्शन 2023 का सर्वे 142 देशों के करीब 3 अरब से अधिक लोगों पर किया गया। सर्वे के मुताबिक दुनिया में हर चौथा इंसान स्वयं को अकेला महसूस करता है। उसके जीवन में सबकुछ होने के बाद भी अपनों का साथ नहीं होता है। रिपोर्ट के अनुसार 45 साल की उम्र के 20 फीसदी लोग स्वयं को अकेला महसूस करते हैं। 24 फीसदी पुरुष, और 24 फीसदी महिलाएं भी स्वयं को को अकेला महसूस करती हैं।  

भारत में अकेलेपन की स्थिति:

भारत में अकेलपन की स्थिति बेहद खराब है। महिलाओं से अधिक भारत में पुरुष अकेलापन महसूस करते हैं। आकड़े के मुताबिक़ भारत में 31 फीसदी पुरुष और 28 फीसदी महिलाएं अकेलापन महसूस करते हैं। लोगों का कहना है कि अकेलापन उनके जीवन को अस्त-व्यस्त कर रहा है। उनके मनोभावों को कोई समझना नहीं चाहता। 

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