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मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए छुट्टी लेने के कई मानकों में बदलाव किए हैं। इससे उन्हें कुछ और मौकों पर भी छुट्टी मिल सकेगी। सरकार ने छुट्टी में ये बदलाव सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर किए हैं। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनेल ऐंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) की ओर से इसके लिए नए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत किसी तरह घायल हो जाने, चोट लगने या दूसरे अस्थायी घाव या शारीरिक कष्ट की स्थिति में सभी कर्मियों को खास छुट्टी मिलेगी। किसी तरह घायल हो जाने, चोट लगने या दूसरे अस्थायी घाव या शारीरिक कष्ट की स्थिति में सभी कर्मियों को खास छुट्टी मिलेगी। अब तक यह छुट्टी की सुविधा सिर्फ शारीरिक रूप से विकलांगों को ही मिलती रही है।

चोट लगने, अस्पताल में भर्ती होने पर छुट्टी का फायदा
नए नियम के तहत अगर कोई भी कर्मी किसी चोट या शरीर के अंग में आई गड़बड़ी के कारण अस्पताल में भर्ती होता है, तो जब तक वह वहां भर्ती रहेगा, तब तक इस खास छुट्टी का लाभ मिल सकेगा। इस दौरान उसे पूरा वेतन मिलेगा। अस्पताल से निकलने के बाद अगले 6 महीने तक पूरा वेतन और भत्ता मिलेगा। इसके बाद अगले 6 महीने तक आधा वेतन दिया जाएगा। इस दौरान अन्य छुट्टियां न काटी जाएंगी और न इनमें कुछ जुड़ेगा। इस मामले में सेंट्रल आर्म पुलिस फोर्स के कर्मियों को 24 महीने तक पूरा वेतन मिलेगा।

सिंगल मेल पैरंट को मिलेगी खास छुट्टी
सबसे अहम बदलाव चाइल्ड केयर लीव यानी बच्चों की देखभाल के लिए छुट्टी के मामले में किया गया है। इसका दायरा बढ़ाया गया है। अभी तक यह अवकाश सिर्फ महिलाओं को मिलता रहा है। सातवें वेतन आयोग की अहम सिफारिश में पुरुषों को भी शामिल करने की बात कही गई। बच्चों की देखभाल के लिए ली गई छुट्टी के तहत 18 साल से छोटे बच्चे को पालने के लिए 2 साल तक की छुट्टी मिलती है। इस दौरान वेतन भी मिलता है। यह छुट्टी अलग-अलग चरणों में ली जा सकती है। सरकार का कहना है कि अब कई ऐसे पुरुष कर्मचारी हैं, जो अकेले बच्चे पालते हैं। इसलिए ऐसे सिंगल मेल पैरंट को भी इस छुट्टी का लाभ मिलना चाहिए। इस छुट्टी के तहत पहले साल छुट्टी लेने पर 100 फीसदी वेतन और दूसरे साल छुट्टी के दौरान 80 फीसदी वेतन मिलता है।