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उम्र बढ़ने के साथ हमारी आंखें कमजोर होने लगती हैं। इसकी वजह पलकों की झुर्रियां, रेटिना का सिकुड़ना और आंखों की मसल्स का कमजोर होना जैसे कारण होते हैं। वैसे ये सभी प्राकृतिक कारण होते हैं। वैसे ये सभी प्राकृतिक कारण हैं, जबकि हम लोग तो टेक्नोलॉजी ऐरा में जीने के नाम पर अपनी आंखों के खुद ही दुश्मन बन बैठे हैं। बिना पलके झपकाए देर तक मोबाइल स्क्रीन देखते हैं। ऐसे में बढ़ती उम्र के साथ आंखों की सेहत तेजी से गिर रही है। जानें बढ़ती उम्र में होने वाली आंखों से जुड़ी बीमारियों और उनके इलाज के बारे में…

आंखों का सूख जाना

लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और टीवी देखने की वजह से हम अपनी पलकें सामान्य से कम झपकते हैं। इस कारण हमारी आई ग्लैंड सूख जाती हैं और आंखों में ऐसा लगने लगता है, जैसे कुछ किरकिरा रहा है। जबकि वास्तव में कुछ होता नहीं है। आंसू बनाने वाली ग्लैंड के सूख जाने के बाद कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं।

  • आंखों में जलन होना

  • धुंधला दिखना

  • नजर कमजोर होने से सिरदर्द रहना

  • आंखें लाल होना

  • तेज रोशनी में आखें न खोल पाना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

ऐसे बचें इन समस्याओं से

  • इन समस्याओं से बचने का अच्छा तरीका यह है कि आप अपना स्क्रीन टाइम कम करें।

  • इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स पर काम करते समय पलकें झपकाने का ध्यान रखें, आंखों से निश्चित दूरी पर इन गैजेट्स को रखकर इनका उपयोग करें।

  • दिन में दो बार साफ और ठंडे पानी से आंखें धोएं, आंखों पर 2 से 3 मिनट तक ठंडे पानी के छींटे दें।

  • नहाते समय मुंह में पानी भरकर मग में पानी लेकर उसमें आंखों को कुछ देर के लिए डुबोएं। इस दौरान लगातार पलकें झपकाते रहें। इससे आंखों की थकान दूर होगी, रोशनी सही बनी रहेगी।

  • अगर कई घंटे स्क्रीन पर काम करते हैं तो इस दौरान रोशनी की सही व्यवस्था हो जिससे आंखों पर बुरा असर न पड़े।