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पीनिस की हेल्थ के लिए इरेक्शन काफी जरूरी है। इरेक्शन सिर्फ सेक्शुअल स्टीम्यूलेशन के लिए जरूरी नहीं होता बल्कि हेल्दी ऐक्टिव मेल बॉडी होने के लिए भी जरूरी है। अगर आपको रेग्युलर्ली इरेक्शन नहीं होता तो चेक करने की जरूरत है। इसमें शर्मिंदगी की बात नहीं यह एक नैचरल प्रक्रिया है जो कि यह दर्शाती है कि आपकी बॉडी में सबकुछ ठीक है। यहां जानें उम्र के साथ इरेक्शन कैसे चेंज होता है।

20-30 की उम्र में

यह आपके जीवन का ऐसा वक्त होता है जब आप सबसे ज्यादा ऐक्टिव होते हैं। आपको उत्तेजित होने के लिए फीमेल टच की जरूरत भी नहीं पड़ती। इरेक्शन पाना जरा भी मुश्किल नहीं होता और अक्सर इस एज ग्रुप में अपने आप हो जाता है। सुबह के वक्त पुरुष इरेक्शन के साथ उठ सकते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ग्रोथ हॉर्मोन्स काम कर रहे होते हैं और मेटाबॉलिज्म हाई रहता है। लेकिन कई पुरुषों में प्रिमच्योर की समस्या होती है जिसका इलाज होना जरूरी है।

30-40 की उम्र में

इस उम्र में एक बार इजैक्युलेशन होने के बाद इरेक्शन पाना मुश्किल हो जाता है। हालांकि आपकी सेक्स की इच्छा (लिबिडो) 20 की उम्र जैसी ही रह सकती है लेकिन पहले जैसी सहजता नहीं रह जाती। पुरुषों को अभी भी इरेक्शन मिलता है लेकिन कभी-कभी टच की जरूरत पड़ती है। यह ऐसी उम्र होती है जब आप सेक्स ड्राइव के लिए उतने उतावले नहीं रहते। इस उम्र से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या शुरू हो सकती है।

40-50 की उम्र में
किसी भी पुरुष की सेक्शुअल लाइफ में यह असली परीक्षा का समय होता है। रिपोर्ट्स की मानें तो यही पुरुषों की ऐंड्रोपॉज की उम्र होती है जो कि महिलाओं के मेनॉपॉज की तरह होती है। इस उम्र में आपकी सेक्शुअल ड्राइव कम होनी शुरू हो जाती है। इसका मतलब यह नहीं कि आपको इरेक्शन नहीं होता लेकिन आपको स्टिम्युलेशन की जरूरत ज्यादा पड़ने लगती है। कई बार सेक्स पूरा होने से पहले भी आपका इरेक्शन खत्म हो सकता है। ज्यादातर लोगों में ऑर्गैज्म से मिलनी वाली खुशी की फीलिंग भी इस उम्र तक कम होने लगती है।

50-60 की उम्र में

इस उम्र में अर्ली मॉर्निंग और मिड नाइट इरेक्शन बेहद मुश्किल से ही होता है। सेक्स जरूरत नहीं बल्कि टाइम पास ही बन जाता है क्योंकि इरेक्शन पाना बड़ी मुश्किल बन जाता है। इरेक्शन मिल भी जाता है तो इजैक्युलेशन निराश करता है क्योंकि सीमेन की क्वॉन्टिटी और क्वॉलिटी घट जाती है।

60-70 की उम्र में
इस उम्र तक इरेक्शन सबसे कम होता है। इसमें इरेक्शन पाना बहुत ही मुश्किल होता है और इजैक्युलेशन तो न के बराबर ही होता है। अगर कभी महसूस भी हो तो इसे मेनटेन करना काफी मुश्किल होता है। ऐसा इसलिए होता है कि इस वक्त तक टेस्टोस्टेरॉन का लेवल काफी डाउन हो जाता है।

70 और इससे ऊपर

सेक्शुअल डिजाइयर लगभग खत्म हो जाती है और आपको वैसा फील नहीं होता जैसा की यंग एज में। 70 के बाद इरेक्शन बहुत ही रेयर होता है। इस एज ग्रुप में पेनिट्रेशन भी बहुत मुश्किल होता है। इसलिए 70 के बाद सेक्स आपकी प्रायॉरिटी लिस्ट में सबसे नीचे आ जाता है।

पीनिस की हेल्थ के लिए क्या कर सकते हैं आप

हेल्दी लाइफस्टाइल से अच्छा कुछ भी नहीं है। आप अगर हेल्दी सेक्शुअल ड्राइव बरकरार रखना चाहते हैं तो पीनिस की मसल्स को मजबूत बनाए रखना जरूरी है। इरेक्टाइल फंक्शन के लिए पेल्विक मसल्स जिम्मेदार होती हैं इसलिए इनको इग्नोर नहीं किया जाना चाहिए।