बच्चे के जन्म के बाद महिलाओं के जीवन में काफी कुछ बदल जाता है। शारीरिक और मानसिक रूप से कई बदलाव आते हैं। प्रसव के बाद जब एक मां अत्यधिक पीड़ा से बाहर निकलती है तो उसे भी शिशु की तरह अधिक देखभाल की जरूरत होती है। डिलिवरी के बाद महिलाओं में मॉर्निंग सिकनेस, कमर के आसपास दर्द होना और गर्भावस्था के दौरान वजन का बढ़ना जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन सबसे निपटने के लिए पोषण युक्त आहार के साथ-साथ कुछ योग के कुछ आसन भी हैं जो मदद कर सकते हैं। लेकिन योग शिशु के जन्म के तुरंत बाद नहीं करना चाहिए। प्रसव के 6-7 सप्ताह या लगभग 2 महीने के बाद नियमित रूप से योग करना चाहिए।
पश्चिमोत्तासन
पश्चिमोत्तासन आपकी कमर को टोन करने में मदद करेगा। यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी को गलाने में मदद करता है। इसे करने से शरीर में रक्तप्रवाह बेहतर तरीके से होता है। पश्चिमोत्तासन वजन कम करने में मदद करता है।
हलासन
हलासन एक बेहतरीन योगाभ्यास है। ये न सिर्फ आपकी कमर, हिप्स और पेल्विस एरिया के लिए बेहतर है बल्कि यह आपकी त्वचा में भी निखार लाता है। यह शरीर को लचीला बनाता है और वजन कम करता है।
भुजंगासन
भुजंगासन, योग का एक ऐसा आसन है जो वास्तव में पेट को मजबूत करता है। यह आपकी रीढ़ को मजबूत और लचीला बनाए रखने में मदद करता है। इसे आप रोजाना कर सकती हैं।
वीरभद्रासन
यह मुद्रा आपकी पीठ को खींचती है और आपकी जांघों, नितंब और पेट को टोन करती है। यह आपके पेट के आसपास के मिड-सेक्शन से फैट बर्न करने में मदद करता है।
अनुलोम-विलोम
डिलीवरी के बाद अनुलोम-विलोम प्राणायाम आपके मन-मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करता है। यह आपकी मनोदशा में सकारात्मक परिवर्तन लाता है। साथ ही यह श्वसन तंत्र को सुदृढ़ करता है।