पिछले साल कोरोना संक्रमण के आने के बाद से ही दुनियाभर के देश वैक्सीन बनाने की तैयारी में जुट गए थे। जिससे इस वायरस के बढ़ते प्रसार को रोका जा सके। क्योंकि डॉक्टर्स से लेकर एक्सपर्ट्स तक का मानना है कि वैक्सीन ही फिलहाल कोरोना को रोकने का एकमात्र कारगर जरिया है। लेकिन अभी कई ऐसे मामले देखने-सुनने को मिल रहे हैं जिसमें वैक्सीन लेने के बाद भी लोग संक्रमण का शिकार हो रहे हैं। तो इसके लिए वैक्सीन को दोष देना पूरी तरह से गलत है। बल्कि इसकी मुख्य वजह लोगों की लापरवाही है। तो संक्रमण से बचे रहने के लिए वैक्सीन लगने के बाद भी लोगों को मास्क पहनना , हाथ धोना जारी रखना चाहिए, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना चाहिए।
वैक्सीन के बाद संक्रमण की दर बेहद कम
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी रिसर्च के अनुसार, यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर में 8121 कर्मचारियों ने कोविड-19 का वैक्सीन लगवाया था। इनमें से महज 4 में बाद में संक्रमण देखने को मिला। वहीं, 14,990 कर्मचारियों को यूसी सैन डिएगो हेल्थ एंड डेविड जेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में टीका लगाया गया, दूसरी डोज के कुछ हफ्तों बाद संक्रमण के सिर्फ 7 मामले सामने आए।
वैक्सीन इसलिए है जरूरी
अगर आपको लगता है कि वैक्सीन लगवाने से संक्रमण का खतरा पूरी तरह से खत्म हो जाता है तो ये गलत है। कोई भी मौजूदा वैक्सीन इंफेक्शन से 100% सुरक्षा की गारंटी नहीं देती।
वैक्सीनेशन के बाद आपकी बॉडी वायरस के जानलेवा परिणामों से बचाने का काम करती है। इसलिए वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना के लिए जारी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
जरा सी लापरवाही आपको तो संक्रमित करेगी ही साथ ही औरों को भी।
वैक्सीन कोविड-19 इंफेक्शन के बढ़ते प्रसार को घटाती है, इसलिए इसकी तय खुराक लेना जरूरी है।
वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमित होने की वजहें
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अपने आप को इम्यून समझकर मास्क पहनने, हाथ धोने, सैनेटाइजर का यूज करने और सोशल डिस्टेंसिंग पर सुरक्षा उपायों का पालन नहीं करते।
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वैक्सीनेशन के बाद डॉक्टर्स द्वारा बताए गए जरूरी एहतियातों का पालन नहीं करते।
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इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से।
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वैक्सीन की दूसरी खुराक समय पर नहीं लेना या लगवाना ही नहीं।
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80 से 90 परसेंट आबादी के टीकाकरण तक सर्तकता बनाए रखना जरूरी।