कोरोना वायरस के खिलाफ कोवैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने कहा है कि अगर खुराक लगने के बाद किसी को गंभीर दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ता है तो कंपनी इसके लिए मुआवजा देगी। भारत बायोटेक की भारत सरकार की ओर से कोवैक्सीन की 55 लाख खुराकों की खरीद का ऑर्डर मिला है।
अपने पहले और दूसरे चरण के ट्रायलों में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन ने कोविड-19 के खिलाफ एंटीडोट उत्पन्न करने की क्षमता का प्रदर्शन किया है। कोवैक्सीन की चिकित्सकीय प्रभावकारिता का निर्धारण किया जाना अभी बाकी है। इसकी प्रभावकारिता का अध्ययन अभी भी इसके तीसरे चरण के ट्रायलों के डाटा के आधार पर किया जा रहा है।
फॉर्म में कहा गया है कि वैक्सीन की खुराक लगने का मतलब यह नहीं है कि इसके बाद कोविड-19 से बचाव के लिए निर्धारित अन्य मानकों का पालन करना बंद कर दिया जाए। इसके साथ ही वैक्सीन प्राप्तकर्ताओं को एक फैक्टशीट भी दी गई और एक फॉर्म दिया गया जिसे पीड़ित को प्रतिकूल प्रभावों के सामने आने के सात दिन के अंदर जमा करना होगा।
बता दे, स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन को भारत के औषधि नियामक ने आपात उपयोग की अनुमति दी थी। राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में 81 केंद्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों को वैक्सीन की खुराक देने का अभियान शुरू हुआ। इनमें से 75 केंद्रों पर ऑक्सफोर्ड की कोविशील्ड और बाकी छह केंद्रों पर कोवैक्सीन की खुराक दी जा रही है।