ऊंची हील पहनने का शौक कम उम्र में ही गंभीर रोगों का शिकार बना सकता है। फैशन के क्षेत्र में काम करने वाली 35 साल की एक युवती ऊंची हील पहनने से गठिया और रीढ़ की बीमारी स्पोंडिलोलिस्थीसिस से पीड़ित हो गई। महिला की रीढ़ की कशेरुका खिसक गईं।
एम्स में इलाज करा रही 35 वर्षीय अंशुमा (बदला नाम) कॉलेज के दिनों से ही ऊंची हील वाले जूते पहनतीं थीं। गुरुग्राम की रहने वाली अंशुमा पिछले सात साल से फैशन जगत में काम कर रही हैं। कुछ दिनों से उन्हें पैर के टखने में दर्द रहने लगा। उन्होंने कई निजी अस्पतालों में इसे दिखाया तो उन्हें रुमेटोलॉजी विशेषज्ञ से इस मर्ज को दिखाने की सलाह दी गई। इसके बाद अंशुमा एम्स के रुमेटॉलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर उमा कुमार के पास परामर्श के लिए गईं।
न कैल्शियम की कमी और न थॉइराइड : एम्स के रुमेटॉलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर उमा कुमार ने बताया कि जब अंशुमा उनके पास आई थीं तो उनके पैर के अंगुठों, टखने और पैर की पिंडलियों में तेज दर्द की शिकायत थी। इसके बाद उनकी कई जांच हुईं। जांच में पाया गया कि न तो उन्हें कैल्शियम की कमी है और न ही थाइराइड की समस्या है। उनके टखनों और पिंडलियों में दर्द की कोई सामान्य वजह नजर नहीं आई। इसके बाद और कई जांच की गई तो पता चला कि वह गठिया से पीड़ित हैं।
डॉक्टर उमा ने बताया कि इतनी कम उम्र में गठिया के मामले आमतौर पर कम ही आते हैं। उन्होंने अंशुमा से कई सवाल पूछे तो पता चला कि वह पिछले आठ साल से लगातार ऊंची हील वाले सैंडल और जूते पहनती थीं। इसके बाद डॉक्टर ने उन्हें सपाट जूते या चप्पल पहनने की सलाह दी।
पीठ दर्द की शिकायत : अंशुमा की पीठ में भी दर्द की शिकायत थी। उनका एक्सरे कराया गया तो पता चला की ऊंची हील पहनने की वजह से रीढ़ की हड्डी खिसक गई है। स्पोंडिलोलिस्थीसिस से पीड़ित होने का पता चला।
इन बातों का ख्याल रखें
* ऊंची हील पहनने से शरीर का संतुलन बिगड़ता है। लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से बचें।
* घंटों तक लगातार एक ही मुद्रा में खड़े या बैठे न रहें। अगर ऑफिस में बैठकर काम करते हैं तो हर 45 मिनट पर उठकर घूमें।
* हमेशा अपना वजन नियंत्रित रखें। इससे गठिया और जोड़ों के दर्द से भी बचा जा सकता है।
* कैल्शियमयुक्त भोजन लें, पैदल चलें और नियमित व्यायाम करें, ताकि हड्डियों का घनत्व बढ़ सके।
एम्स में रुमेटॉलॉजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर उमा कुमार ने कहा, “लगातार ऊंची हील वाली सैंडल पहनने से चाल और शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। पैर की अंगुलियों से लेकर रीढ़ की हड्डी तक प्रभाव पड़ता है। ध्यान नहीं देने पर पंजों, पांव में लगातार दर्द, नसों में खिचाव, कमर दर्द, पीठ दर्द और घुटनों में दर्द की समस्या सामने आने लगती है।”