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आमतौर पर हम सब ऐंटीबायॉटिक्स का इस्तेमाल कुछ ज्यादा ही करते हैं। जरा सा सिरदर्द हुआ नहीं कि गोली ले ली, पेट दर्द हुआ तो गोली ले ली, बुखार हुआ तो गोली ले ली। लेकिन यही साधारण सी दिखने वाली ऐंटीबायॉटिक सेहत के लिए कितनी हानिकारक इसका खुलासा एक नई स्टडी में हुआ है। अनुसंधानकर्ताओं ने कॉमन रूप से इस्तेमाल होने वाली एक ऐंटीबायॉटिक और दो तरह की हार्ट प्रॉब्लम के बीच लिंक होने के सबूत पाए हैं।

हार्ट में खून के बैकफ्लो होने का खतरा 2.4 गुना अधिक
अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियॉलजी नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि fluoroquinolone ऐंटीबायॉटिक जिसे सिप्रॉफ्लॉक्सिन या सिप्रो के नाम से जाना जाता है का सेवन करने से मिट्रल रेगर्गिटेशन नाम की एक हार्ट प्रॉब्लम होने का खतरा 2.4 गुना बढ़ जाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिसमें खून, शरीर में जाने की बजाए हार्ट में बैकफ्लो हो जाता है यानी हार्ट में वापस चला जाता है। इस ऐंटीबायॉटिक के इस्तेमाल से 30 दिन के अंदर इस हार्ट प्रॉब्लम का रिस्क सबसे ज्यादा रहता है।

ऐंटीबायॉटिक रेजिस्टेंस और हार्ट प्रॉब्लम का खतरा
यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलम्बिया के असोसिएट प्रफेसर और इस स्टडी के लीड ऑथर मेहयर ऐटमिनन कहते हैं, आप मरीजों को हर दिन एक गोली लेने की सलाह देकर घर वापस भेज देते हैं क्योंकि ऐंटीबायॉटिक की ये क्लास आसानी से मिलने वाली है। लेकिन ज्यादातर केस में खासकर कम्यूनिटी रिलेटेड इंफेक्शन में इस ऐंटीबायॉटिक की जरूरत ही नहीं होती। बेवजह ऐंटीबायॉटिक प्रिस्क्राइब करने की वजह से न सिर्फ शरीर में ऐंटीबायॉटिक रेजिस्टेंस पैदा हो जाता है बल्कि सीरियस हार्ट प्रॉब्लम्स भी हो सकती है।

90 लाख मरीजों के रैंडम सैंपल की जांच की गई
इस स्टडी के लिए रिसर्च टीम ने अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन की ऐडवर्स रिपोर्टिंग सिस्टम के डेटा की जांच की। इसमें अनुसंधानकर्ताओं ने करीब 90 लाख मरीजों के रैंडम सैंपल की जांच की। इस स्टडी के लिए fluoroquinolone नाम की ऐंटीबायॉटिक के इस्तेमाल को दूसरे तरह की ऐंटीबायॉटिक्स से भी तुलना की गई। नतीजों से पता चला कि हार्ट में खून के बैकफ्लो का रिस्क fluoroquinolone के इस्तेमाल की वजह से ज्यादा पाया गया। लिहाजा इस स्टडी में इस बात पर जोर दिया गया है कि डॉक्टरों को भी ऐंटीबायॉटिक्स प्रिस्क्राइब करते वक्त सावधानी बरतनी चाहिए।