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इसमें कोई शक नहीं कि हमारी डायट का हमारी सेहत पर सीधा असर पड़ता है। हम क्या खाते हैं, कैसे खाते हैं और कब खाते हैं ये सारी चीजें इस बात के लिए जिम्मेदार मानी जाती हैं कि आपकी ओवरऑल सेहत कैसी होगी। यह बात खासकर तब और ज्यादा अहम हो जाती है जब आप बच्चे की प्लानिंग कर रहे हों। अगर आपको लंबे समय से गर्भधारण में दिक्कत हो रही है तो आपको अपनी डायट का खास ख्याल रखना होगा। सिर्फ महिलाओं को ही नहीं बल्कि पुरुषों को भी ऐसे खाद्य पदार्थों को तुरंत डायट से बाहर कर देना चाहिए जिससे उनके स्पर्म को नुकसान पहुंचता हो…

​स्पर्म की संख्या और क्वॉलिटी पर असर

अगर किसी पुरुष के हर इजैक्युलेशन के दौरान उसमें 39 मिलियन स्पर्म से कम है तो उस पुरुष को लो स्पर्म काउंट की कैटिगरी में रखा जाता है। लो स्पर्म काउंट की इस स्थिति को ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है। हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसे फूड प्रॉडक्ट्स के बारे में जिससे न सिर्फ स्पर्म की क्वॉलिटी पर असर पड़ता है बल्कि स्पर्म की संख्या भी कम होने लगती है। अगर स्पर्म बेहतर क्वॉलिटी के नहीं होंगे तो गर्भधारण करने में मुश्किल आएगी।

​ऐल्कॉहॉल से करें तौबा

पुरुष इस बात पर ध्यान दें। बेहद कम मात्रा में ऐल्कॉहॉल का सेवन करने से भी आपकी सेक्स ड्राइव पर असर पड़ता है। वहीं, दूसरी तरफ, अगर आप बहुत ज्यादा ऐल्कॉहॉल का सेवन करते हैं तो उससे आपके सेक्स हॉर्मोन टेस्टोस्टेरॉन पर बुरा असर पड़ता है और स्पर्म काउंट में भी हद से ज्यादा कमी आने लगती है।

​प्रोसेस्ड मीट

बेकन, हैम, सलामी और हॉटडॉग जैसे प्रोसेस्ड मीट वाली चीजें खाने से न सिर्फ आपकी सेहत को नुकसान पहुंचता है बल्कि पुरुषों का स्पर्म काउंट भी कम होने लगते हैं। साथ ही स्पर्म की गतिशीलता भी हद से ज्यादा घट जाती है। लिहाजा जहां तक संभव हो प्रोसेस्ड मीट से रहें दूर।

​ट्रांस फैट वाली चीजें

ट्रांस फैट के सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है ये तो हम सब जानते हैं। लेकिन साल 2011 की एक स्पैनिश स्टडी की मानें तो ट्रांस फैट के अधिक सेवन से स्पर्म काउंट भी घट जाता है। स्पर्म की संख्या कम होगी तो जाहिर सी बात है आपको गर्भधारण में समस्याएं आएंगी।

​सोया बेस्ड प्रॉडक्ट्स

सोयाबीन और सोया बेस्ड प्रॉडक्ट्स भले ही हेल्दी और टेस्टी होते हों लेकिन अगर आप फैमिली बढ़ाने और गर्भधारण की कोशिश में जुटे हैं तो आपको सोया बेस्ड फूड आइटम्स का सेवन बंद कर देना चाहिए क्योंकि सोया प्रॉडक्ट्स में फाइटोएस्ट्रोजन होता है। ये ऐस्ट्रोजेन जैसे कम्पाउंड्स होते हैं जो शरीर में ऐस्ट्रोजेन के इफेक्ट की नकल करते हैं और स्पर्म काउंट को कम कर देते हैं।

​फुट फैट मिल्क और डेयरी प्रॉडक्ट

अगर आपको भी दूध, क्रीम और चीज जैसी चीजों से बहुत प्यार है तो आपको अपनी आदत में कुछ बदलाव करने की जरूरत है। फुल फैट डेयरी प्रॉडक्ट्स में जानवरों से आने वाला ऐस्ट्रोजेन होता है। इतना ही नहीं दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए गायों को जो स्टेरॉयड्स दिए जाते हैं उनकी वजह से भी पुरुषों के स्पर्म की क्वॉलिटी पर बुरा असर पड़ता है। अगर आपको दूध पीना ही है तो फुल फैट की जगह आमंड मिल्क या लो फैट डेयरी प्रॉडक्ट्स यूज करें।