आज के दौर में वजन कम करने के लिए सैकड़ों किस्म के तरीके आपके सामने आते होंगे. कोर्ई हेवी वर्कआउट के तरीके बताता है, कोई डाइटिंग करने के नुस्खे बताता है, कोई सप्लीमेंट लेने के लिए कहता है तो कोई खाने के तरीके में बदलाव करने को बोलता है. लेकिन सवाल ये है कि इनमें से कौनसा तरीका सबसे बेहतर है.
ऑस्ट्रेलिया की जानीमानी न्यूट्रीशन एक्सपर्ट गेब्रियल मैस्टन आपको बता रही हैं 4 सबसे अच्छे डाइट प्लान जिनको अपना कर आप वजन कम कर सकते हैं और फिट रह सकते हैं.
जो खाते हैं उसकी गिनती करें- इसका मतलब है कि आप रोज अपने खाने में कितनी मात्रा में अलग-अलग पौष्टिक तत्व शामिल करते हैं इस बात का रिकॉर्ड रखना चाहिए. मसलन आप एक दिन में कितना कार्बोहाइड्रेट खा रहे हैं, कितना फैट खा रहे हैं, कितना प्रोटीन या फिर कितना फाइबर का सेवन कर रहे हैं, इसकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए. गेब्रियल का कहना है, ‘इस तरह की डाइट काफी संतुलित मानी जाती है. इससे आप सभी जरूरी पोषक तत्वों का सेवन सही मात्रा में कर पाते हैं जिससे वजन भी कम होता है और शरीर लचीला रहता है.
टुकड़ों में फास्ट करें- न्यूट्रीशॉन एक्सपर्ट का कहना है कि वजन घटाने के लिए एक साथ फास्टिंग पर लग जाना ठीक नहीं होता. एक हफ्ते में ब्रेक ले-लेकर फास्ट करना बेहतर होता है. ऐसे में हफ्ते में दो दिन व्रत रखना और बाकी पांच दिन खाना सही तरीके है. गेब्रियल का कहना है कि जब लोग पूरी तरह व्रत पर होते हैं तब भी वो दिन में 500 से 600 कैलोरी खा ही लेते हैं. ऐसे में अगर आप फास्ट करना चाहते हैं तो एक वीक में, एक-एक दिन के गैप में दो बार व्रत रखें और बाकी पांच दिन संतुलित खाना खाएं. हालांकि उनका ये भी कहना है कि फास्ट करने साथ लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना भी वजन घटने के लिए जरूरी है.
‘पालियो’ डाइट लेना- कई लोग वजन घटाने के लिए पालियो डाइट शुरू करते हैं. इसका मतलब है वो डाइट जो पूर्वज खाते थे, जिसमें मीट, फ्रूट्स और सब्जियां शामिल होती हैं लेकिन दूध से बनी चीजें और अनाज नहीं होता. गेब्रियल का कहना है कि पालियो डाइट तभी सही है जब इसे सही रूप में अपनाया जाए. उन्होंने बताया कि इस तरह के खान-पान से लोगों का वजन तो कम होता है, लेकिन अनाज और दूध से बनी चीजें छोड़ने से उनके अंदर ऊर्जा की कमी आ जाती है. इसलिए सब्जियां, मीट और फल खाने के अलावा थोड़ी मात्रा में दालें, अनाज और दूध के प्रोडक्ट्स को भी खान-पान में शामिल करें.
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जूस पर निर्भर रहना
अक्सर लोग वजन घटाने के लिए जूस पर निर्भर रहते हैं. वो खाने में ज्यादातर फल और सब्जियों का जूस ही लेते हैं. न्यूट्रीशन गेब्रियल का कहना है कि जूस डाइट लेना गलत नहीं है, लेकिन जब एक बार ये डाइटिंग खत्म करके आप वापस खाना शुरू करते हैं तो वजन तेजी से बढ़ता है. इसके साथ ही अनाज, दूध और मीट जैसी पौष्टिक चीजें नहीं खाना सेहत के लिए सही नहीं है. इसी लिए जूस डाइट को लगभग दो हफ्तों तक ही फॉलो करें और साथ में बाकी पौष्टिक आहार भी लेते रहें.